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पूर्वी क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की क्षमता मजबूत,राफेल की हुई एंट्री

नयी दिल्ली. भारतीय वायु सेना ने पश्चिम बंगाल के हासीमारा वायुसैनिक अड्डे पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया की उपस्थिति में पूर्वी वायु कमान की 101 स्क्वाड्रन में औपचारिक तौर पर राफेल लड़ाकू विमानों को शामिल किया. 101 स्क्वाड्रन वायुसेना की राफेल लड़ाकू विमानों से सुसज्जित दूसरी स्क्वाड्रन है. पिछले साल सितंबर में राफेल लड़ाकू विमानों को 17 “ग्लोबल ऐरो” स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था.

वायु सैनिक अड्डे पर कर्मियों को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने कहा कि हासीमारा में राफेल विमानों को सुनियोजित रूप से तैनात किया गया है और ऐसा पूर्वी क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को मजबूत करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए किया गया है. भारत और चीन के बीच पिछले साल मई से ही पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बना हुआ है. पूर्वोत्तर में चीन के साथ सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश की सीमा लगती है.
वायुसेना द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक हासीमारा में राफेल विमानों के आगमन के मौके पर एक फ्लाईपास्ट भी किया गया जिसके बाद परंपरागत रूप से नए लड़ाकू विमान को पानी की बौछार से सलामी दी गई.
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि भारत को फ्रांस की कंपनी दसां एविएशन से अब तक 36 में से 26 राफेल लड़ाकू विमान मिल चुके हैं.

राफेल विमानों की पहली स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पर तैनात है. भारत द्वारा लगभग 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लगभग चार साल बाद, अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप 29 जुलाई, 2020 को भारत पहुंची थी.

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