पुलिस प्रोटेक्शन में दूल्हे की घुड़सवारी

छतरपुर:दलितों के साथ छुआछूत और भेदभाव की शिकायतें अक्सर सामने आती रहती हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां दबंगों द्वारा बारात ले जाने से पहले दूल्हे द्वारा घुड़सवारी की रस्म नहीं पूरी करने दी गई। ताज्जुब की बात यह रही कि दूल्हा पुलिस में आरक्षक भी है। इसके बावजूद दबंग बाज नहीं आए। मामले की शिकायत हुई तो पुलिस प्रोटेक्शन में दूल्हे की घुड़सवारी निकाली गई।
जानकारी के मुताबिक मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की तहसील घुवारा अंतर्गत भगवां पुलिस थाने के ग्राम कुण्डलया का है। यहां गांव के दलित नौजवान दयाचंद अहिरवार पिता भागीरथ अहिरवार की शादी 9 फरवरी को थी। दूल्हा दयाचंद पुलिस में आरक्षक के पद पर तैनात है। बारात जाने से पहले रिवाज अनुसार दूल्हे की घुड़सवारी होनी थी, जिसे स्थानीय भाषा में राछ निकालना कहते हैं।
जैसे ही दयाचंद घोड़े पर सवार होकर गांव की तरफ निकला दबंग गुस्से में आ गए। उन्होंने बीच रास्ते में उसे रोक दिया और बोले कि गांव में दलित दूल्हा घोड़े पर बैठकर नहीं निकल सकता। हालात और दबंगों के व्यवहार को देखते हुए दूल्हे का परिवार उसे समझा-बुझाकर वापस ले गया। इसके बाद बिना राछ निकले ही बारात गई। लेकिन पुलिस में आरक्षक दूल्हे को यह दबंगई रास नहीं आई। उसने अपने विभाग के अधिकारियों से इस बारे में शिकायत कर दी। देखते ही देखते खबर पुलिस विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंच गई।
इसके बाद जिले के बिजावर अनुभाग एवं बड़ामलहरा अनुभाग के दर्जनों थानों की पुलिस और पुलिस अधिकारी अगले दिन कुंडलया गांव पहुंचे। यहां बारात वापस आने के बाद प्रशासन ने अपनी निगरानी में आरक्षक दूल्हे की राछ पूरे गांव में निकलवाई। इसके बाद आरक्षक दूल्हे की शादी रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुई। इस मौके पर कलेक्टर संदीप जीआर ने आरक्षक दूल्हे एवं दुल्हन को पुष्प गुच्छ भेंट कर बधाई दी। वहीं भगवां थाना पुलिस ने एक दबंग व्यक्ति पर धारा 151 के तहत कार्यवाई की है। गुरुवार 10 फरवरी को कुण्डलया गांव पूरे दिन पुलिस छावनी बना रहा।