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पर्रिकर को रात 12 बजे मिली जानकारी, नेवी चीफ करेंगे जांच:स्कॉर्पीन सबमरीन के 23400 Cr के प्रोजेक्ट का सीक्रेट डाटा लीक
सिडनी/ नई दिल्ली. भारत की स्कॉर्पीन सबमरीन्स से जुड़े टॉप सीक्रेट लीक होने की खबर है। फ्रांस की डीसीएनएस ( DCNS) की मदद से बनाई जा रही सबमरीन्स की टेक्निकल और गोपनीय जानकारियों से जुड़े 22400 पेज का डाटा लीक हुआ है।ऑस्ट्रेलियन मीडिया की इस रिपोर्ट के बाद बुधवार को डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर ने नेवी चीफ को जांच के आदेश दे दिए हैं। बता दें कि फ्रांस की इस कंपनी के पास भारत के अलावा मलेशिया, चिली और ऑस्ट्रेलिया के लिए नई जनरेशन की सबमरीन्स बनाने का कॉन्ट्रैक्ट है। भारत मुंबई के मझगांव पोर्ट पर फ्रांस की मदद से 6 स्कॉर्पीन सबमरीन्स तैयार कर रहा है। इसके लिए भारत और फ्रांस के बीच 23400 करोड़ (3.5 बिलियन डॉलर) की डील हुई है। कैसे लीक हुआ डाटा, डाटा मनोहर पर्रिकर ने क्या कहा…
– इस खबर के सामने आने के बाद पर्रिकर ने मीडिया से कहा- ” मुझे रात 12 बजे जानकारी मिली थी। सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि यह हमसे संबंधित है या नहीं। मुझे लगता है कि यह 100% लीक नहीं है। मैंने इस मामले में नेवी चीफ को जांच करने के लिए कहा है।”
– उधर नेवी ने कहा- “ऐसा लग रहा है कि यह विदेश में लीक किया गया है न कि भारत में।”
– DCNS का कहना है कि वह ऑस्ट्रेलियन प्रेस में छपे ऑर्टिकल्स को लेकर अवेयर है। इस मामले में नेशनल सिक्युरिटी अथॉरिटीज ने जांच शुरू कर दी है।
– ऑस्ट्रेलिया मीडिया ने DCNS के हवाले से लिखा कि लीक फ्रांस से नहीं बल्कि भारत से हुआ है।
ऑस्ट्रेलिया में छपी हैं ये खबरें
– ‘द ऑस्ट्रेलियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 22,400 पेज लीक हुए हैं। ये सभी स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन्स से जुड़े हैं। जिसे फ्रांस के शिपबिल्डर डीसीएनएस ने भारत के लिए डिजाइन किया था।
– ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के मुताबिक, इन डॉक्यूमेट्स में हथियारों के डिटेल, क्रू मेंबर्स और पनडुब्बी की गोपनीय जानकारियां हैं।
– बता दें कि भारत ने ऐसी छह पनडुब्बियों का ऑर्डर दिया है, जिन्हें मझगांव पोर्ट पर तैयार किया जा रहा है। इसके लिए दोनों देशों के बीच करार हुआ था। हालांकि, इन्हें अभी तक नेवी में शामिल नहीं किया गया है। इनमें से पहली स्कॉर्पीन सबमरीन कालवरी का मई 2016 में ट्रॉयल हो चुका है।
– ये कंपनी भारत के अलावा मलेशिया, चिली, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया के लिए नई जनरेशन की सबमरीन्स तैयार कर रही है।
आईएनएस कालवारी में क्या खास?
– स्कॉर्पीन कालवारी की लंबाई 216 फीट है। इसकी चौड़ाई 20 फीट है।
– 6 स्कॉर्पीन सबमरीन्स बनाने के लिए दोनों पक्षों में $3.5 बिलियन (करीब 23400 करोड़ रुपए) में करार हुआ था।
– स्कॉर्पीन कालवारी की लंबाई 216 फीट है। इसकी चौड़ाई 20 फीट है।
– 6 स्कॉर्पीन सबमरीन्स बनाने के लिए दोनों पक्षों में $3.5 बिलियन (करीब 23400 करोड़ रुपए) में करार हुआ था।
– इन्हें 2020 तक नेवी को सौंप देने का टारगेट है।
क्या है जंगी ताकत?
– कालवारी बारूदी सुरंग बिछाने, खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी समेत कई मिशन को अंजाम दे सकती है।
– इसमें 533 एमएम टॉरपीडो लैस होगा। इसमें कुछ 06 टॉरपीडो ट्यूब हैं। इसके साथ दो एंटी-शिप मिसाइल भी रखी जाएंगी।
– यह 984 फीट तक गोता लगा सकती है।
– कालवारी बारूदी सुरंग बिछाने, खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी समेत कई मिशन को अंजाम दे सकती है।
– इसमें 533 एमएम टॉरपीडो लैस होगा। इसमें कुछ 06 टॉरपीडो ट्यूब हैं। इसके साथ दो एंटी-शिप मिसाइल भी रखी जाएंगी।
– यह 984 फीट तक गोता लगा सकती है।