न्यायालय ने दो बच्चों की हत्या पर उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दो बच्चों की कीटनाशक दवा सेलफॉस खिलाकर हत्या करने के मामले में अभियुक्त को सुनायी गयी उम्रकैद की सजा को मंगलवार को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि आरोपी के दो बच्चों की मां के साथ संबंध थे और उसने दो मासूम बच्चों की जिंदगी छीन ली। उन्होंने कहा कि हम पूरे मामले को देखने के बाद आजीवन कारावास की सजा की पुष्टि करना उचित समझते हैं। न्यायालय ने गौरी शंकर की अपील को खारिज कर दिया। शंकर को चार और दो साल के दो बच्चों की निर्मम हत्या का दोषी ठहराया गया था। निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और उच्च न्यायालय द्वारा उसकी पुष्टि किए जाने के बाद शंकर ने आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार शिकायतकर्ता अंजू की शादी अजय कुमार से हुई थी और उनके दो बच्चे थे। कुमार को शराब की लत थी और उसकी मृत्यु हो गई थी। शंकर अंजू के पड़ोस में ही रहता था। बाद में वह अंजू के संपर्क में आया और उसे उसके दोनों बच्चों के साथ पंजाब ले गया जहां यह घटना हुई। शंकर अंजू से अक्सर झगड़ा करता था और बच्चों को अक्सर पीटता था। उसका कहना था कि वह दोनों बच्चों को पसंद नहीं करता क्योंकि वे उसके अपने बच्चे नहीं हैं और वह किसी दिन दोनों को मार देगा। अंजू 18 मार्च 2013 को मंदिर से घर लौटी और देखा कि उसके दोनों बच्चे तड़प रहे हैं। इस पर शंकर ने उसे बताया कि उसने दोनों बच्चों को जहर दे दिया है।