नौसेना के सेलर सूरज की हत्या की गुत्थी उलझी, पालघर कैसे पहुंचे? – तफ्तीश में जुटी पुलिस
पुलिस का दावा है कि सूरज के पास 3 सिम कार्ड होने की जानकारी मिली है. जिसमें से 2 नंबरों की घर वालों को जानकारी थी लेकिन तीसरे नम्बर की नही थी. इसमें से दो नम्बर 30 को बंद हो गए उसके बाद तीसरा फ़ोन नम्बर चालू हुआ नौसेना के सेलर सूरज की खौफनाक हत्या मामले की गुत्थी अब तक सुलझ नहीं सकी है.झारखंड में रहने वाले नौसेना के सेलर सूरज कुमर दुबे रहते झारखंड में थे. उनका अपहरण चेन्नई में हुआ और जलाकर हत्या मुम्बई से सटे पालघर के जगंल में की गई. एक नौसैनिक की खौफनाक और हैरान कर देने वाली हत्या की इस वारदात में इतने पेंच हैं कि पालघर पुलिस के लिए इसे सुलझा पाना चुनौती बनी हुई है. सूरज ने 8 लाख रुपये का पर्सनल लोन लिया था, कुछ और पैसे उसने अपने रिलेटिव से कर्ज लिए थे. इस तरह से उसने शेयर मार्केट में 28 से 29 लाख रुपये लगाए थे लेकिन वर्तमान में उसके दो बैंक एकाउंट को मिलाकर कुल 392 रुपये ही मिले है. पुलिस के लिए इस रहस्य को सुलझा पाना चुनौती बना हुआ है. पालघर के एसपी डीटी शिंदे के मुताबिक इस गुत्थी को सुलझाने के लिए 10 टीमें बनाई है हैं जिसमें 100 से अधिक पुलिस कर्मी शामिल हैं. सूरज कुमार के गांव घर, चेन्नई से लेकर मुंबई में नौसेना अस्पताल के डॉक्टरों इस केस से जुड़े दूसरे सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है. मोबाइल लोकेशन से लेकर सीडीआर और सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं लेकिन अभी तक अपहरण का कोई सुराग नही मिला है. हालांकि सूरज ने मरने के पहले पुलिस को दिए बयान में बताया था कि30 जनवरी को छुट्टी खत्म होने के बाद उसने सुबह 8 बजे रांची से विमान पकड़ा और रात 9 बजे चेन्नई एयरपोर्ट पर उतरा. वहां एयरपोर्ट से बाहर निकलने पर 3 अज्ञात लोगों ने रिवॉल्वर की नोक पर उसे धमकाया और 5 हजार रुपये का मोबाइल छीन कर सफेद रंग की SUV गाड़ी में बैठा लिया. उससे 10 लाख की फिरौती मांगी और 3 दिन तक चेन्नई में कैद रखा. 5 फरवरी को उसे पालघर में घोलवड तहसील में जंगल मे ले जाकर पेट्रोल डालकर जलाकर मारने की कोशिश की. जली अवस्था में किसी तरहं वो पहाड़ी से नीचे उतरा तो गांव वालों की उस पर नजर पड़ी और फिर उसे अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान सूरज की मौत हो गई. सूरज के बयान के आधार पर घोलवड पुलिस ने 302, 307, 364(a), 392, 342 और 34 के तहत मामला दर्ज किया और जांच कर रही है.लेकिन अब जब जांच शुरू हुई है तो अपहरण की कहानी सवालों के घेरे में है. क्योंकि परिवार वालों को फिरौती के लिए कोई फोन नही आया था.सूरज 5 फरवरी को जली अवस्था मे पालघर के घोलवड तहसील की पहाड़ी से उतरते हुए मिले, जो चेन्नई से तकरीबन 1500 किलोमीटर दूर है.सूरज ने पुलिस को बताया कि 30 जून की रात उसे अगवा कर चेन्नई में ही किसी अज्ञात जगहं पर तीन दिन बांधकर रखा गया था. लेकिन जब पुलिस ने पूछा कि चेन्नई से पालघर से जंगलों में कैसे पहुंचे तो सूरज के पास इसका जवाब नही था.पालघर के एसपी डीटी शिंदे के मुताबिक, पुलिस घोलवड से लेकर गुजरात और चेन्नई एयरपोर्ट तक के सभी CCTV तस्वीरों को खंगालने में लगी है. अभी तक चेन्नई एयरपोर्ट से मिली तस्वीरों में सूरज आराम से बाहर निकलते दिख रहे हैं. उसके बाद वे एक होटल में जाते हुए दिख रहे हैं. होटल में मोबाइल पिन लेकर फोन कर सिम कार्ड बदलते हुए दिखा है, लेकिन अपहरण जैसा कहीं कुछ नहीं दिखा है.