दिल्ली

निर्वाचन आयोग ने सरमा को चेतावनी देकर माफ किया

 

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने 30 अक्टूबर को असम में होने वाले विधानसभा उपचुनाव की प्रचार मुहिम के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हिमंत बिस्व सरमा को बुधवार को चेतावनी देकर माफ कर दिया।

आयोग ने अपने आदेश में कहा कि ‘‘सोच-विचारकर यह रुख’’ अपनाया गया है कि भाजपा के स्टार प्रचारक सरमा ने आदर्श आचार संहिता के संबंध में ‘‘आयोग द्वारा जारी परामर्श/निर्देश की भावना का उल्लंघन कर कार्य किया।’’

आदेश में कहा गया है, ‘‘इसलिए, अब आयोग उन्हें चेतावनी जारी करता है और उन्हें भविष्य में और अधिक सावधान रहने, संयम बरतने और सार्वजनिक बयानबाजी करते समय आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने के प्रति आगाह करता है।’’

आयोग ने सरमा को राज्य में विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान सड़क एवं अन्य विकास परियोजनाओं का वादा करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर सोमवार को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया था।

आयोग को दो शिकायतें मिली थीं कि सरमा ने असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक के तौर पर भवानीपुर, थोवरा और मारियानी विधानसभा सीटों के लिए प्रचार के दौरान मेडिकल कॉलेज, पुल, सड़कें, उच्च विद्यालय, स्टेडियम और खेल परिसर बनवाने की घोषणाएं कीं। उन्होंने चाय बागान मजदूरों के स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहयोग देने की भी घोषणा की।

सरमा ने अपने उत्तर में इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने जो घोषणाएं की थीं, वे या तो जारी परियोजनाओं से संबंधित थीं या राज्य सरकार विधानसभा में 2020-20 और 2021-22 के बजट भाषणों में इनकी घोषणा पहले ही कर चुकी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई नई घोषणा नहीं की थी।

आयोग ने आदर्श आचार संहिता के किसी भी प्रावधान का अनजाने में उल्लंघन होने पर बिना शर्त माफी मांगने संबंधी सरमा के अभिवेदन पर भी गौर किया।

राज्य में 30 अक्टूबर को उपचुनाव होंगे और मतगणना दो नवंबर को होगी।

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