main slideराष्ट्रीयशिक्षा - रोज़गार

निजी स्कूलों से मोहभंग, सरकारी स्कूलों में पहुंचे पांच हजार बच्चे

रतलाम।  कोरोना काल ने आम नागरिकों की आर्थिक रूप से कमर तोड़कर रख दी है। हालत यह है कि जैसे-तैसे अपना खर्चा कम करके बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने की हिम्मत जुटाने वालों की भी हिम्मत टूट गई है। यही वजह है कि उन्होंने अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में दाखिल करवा दिया है। आंकड़ों के मुताबिक अच्छी बात यह है कि जिले में करीब पांच हजार बच्चे निजी स्कूलों से शिफ्ट होकर सरकारी में पहुंच गए हैं। यह स्थिति पहली से आठवीं तक की कक्षा की है।

सरकारी में लक्ष्य से ज्यादा बच्चे दर्ज पिछले साल कोरोना की वजह से प्रवेश प्रक्रिया नहीं हुई तो इस साल भी काफी लेट प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई। पिछले सालों के आंकड़ों के आधार पर जिले में दो लाख 15 हजार से ज्यादा बच्चों के प्रवेश का लक्ष्य रखा गया था। सरकारी स्कूलों में एक लाख 30 हजार और निजी स्कूलों में 85500 से ज्यादा का लक्ष्य था। जो आंकड़े सामने आए उसके अनुसार सरकारी स्कूलों में एक लाख 34 हजार से ज्यादा बच्चे प्रवेश पा चुके हैं जबकि निजी स्कूलों में लक्ष्य से लगभग पांच बजार बच्चे कम हैं।

उत्तराखंड में पीएम मोदी आज करेंगे 17547 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास!!

कोरोना में निजी स्कूलों की फीस – कोरोना काल में भी सरकार ने निजी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की फीस जमा लेने की छूट निजी स्कूल संचालकों को दी थी। यही वजह है कि आर्थिक मार से परेशान आम अभिभाषक यह फीस जमा नहीं करवा पाया। ऐसे में उन्होंने अपने बच्चों को ही निजी स्कूलों से दाखिला निकलवाकर सरकारी में जमा करवा दिया। यह दीगर बात है कि कुछ निजी स्कूलों ने बच्चों की फीस आधी ही ली लेकिन बिना पढ़ाई के केवल ऑनलाइन के नाम पर वसूली गई फीस से अभिभावक परेशान जरुर हुए हैं।

फैक्ट                                                                                                                                                                                                                सरकारी में पंजीयन का लक्ष्य था – 130364
अब तक प्रवेश हुआ – 134645
निजी में पंजीयन का लक्ष्य था – 85581
अब तक प्रवेश हुआ – 80362
जिले में कुल प्रवेश हुआ – 215007

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button