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दुश्मन के ठिकानों को यूं करती है तबाह, इंडियन आर्मी ऐसे करती है ऑपरेशन

मथुरा. इं‍डियन आर्मी की स्ट्राइक वन यूनिट ने गुरुवार को युद्धाभ्यास का ऐसा नजारा पेश किया, जिसे देखकर हर कोई चौंक गया। एक दर्जन टैंक ने लबालब यमुना नदी को पार कर दुश्मन के पास पहुंचे और गोले और फायरिंग से दुश्मन को पस्त कर दिया। विजय के साथ वापस तमाम टैंक नदी में तैरकर वापस लौट आए। दुश्मन के इलाके में घुसकर वार करने में एक्सपर्ट है स्‍ट्राइक वन…
– सेना की स्ट्राइक वन यूनिट सबसे घातक मानी जाती है। युद्ध में सबसे अगले मोर्चे पर यही रहती है और दुश्मन के इलाके में घुसकर वार करने में एक्सपर्ट है।
– गुरुवार को मथुरा में गोकुल बैराज के पास गहरी यमुना नदी के पास युद्धाभ्यास हुआ। इसे मेघ प्रहार का नाम दिया गया। इसमें हिसार स्थित आर्मड डिविजन की फार्मेशन के आधुनिक उपकरण लाए गए थे।
– भारतीय सेना के आधुनिक टी-90 टैंक और बीएमपी-2 टैंक ने नदी के अवरोधक के आस-पास युद्ध की क्षमता का परीक्षण किया।
– इस दौरान दो र्मोचे बनाए गए। नदी के इस तरफ भारतीय फौज और दूसरी तरफ दुश्मन फौज के रूप में सैनिक थे।
– भारतीय फौज के टैंक लगातार तेजी से पानी में उतरने लगे। ये टैंक पानी में उतरते ही लोगों को लगा कि ये अंदर समा जाएंगे। लेकिन टैंक तैरते हुए आगे बढ़ने लगे।
– कुछ टैंकों के लिए ट्रकों से पुल लाए गए थे। ये पानी में रखते ही खुद बड़े से नाव का आकार ले लिया। इस पर टैंक चढ़ गए और नदी की दूसरी तरफ पहुंच गए।
– दुश्मन के पास पहुंचते ही टैंक ने गोले बरसाने शुरू कर दिए। इसमें मौजूद जवान फायरिंग कर रहे थे। आसमान धुएं से भर गया।
– जवानों ने दुश्मन के बंकर को ढूंढ-ढूंढकर नष्ट कर दिया।
– इस बीच आसमान में हेलीकॉप्टर घूमते नजर आए। दो हेलीकॉप्टर नदी के ऊपर उड़ाने भरते हुए इस युद्धाभ्यास में सेना की मदद की।
– इस युद्धाभ्यास के दौरान लेफ्ट‍िनेंट जनरल शैकिन चौहान मौजूद थे।

क्या है सेना की स्ट्राइक वन यूनिट

– वर्ष 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के कुछ पहले ही स्ट्राइक-वन यूनिट का गठन किया गया था।
– इस यूनिट ने तीन परमवीर चक्र, 16 महावीर चक्र और 71 वीर चक्र हासिल किये हुए हैं।
– युद्ध के मोर्चे पर इस यूनिट की आक्रामता देखकर दुश्मन परेशान हो जाता है।

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