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तो क्या और महंगी होगी चीनी?

  चीनी मिल उद्योग ने चालू सत्र में चीनी उत्पादन के अपने अनुमान को आठ लाख टन घटाकर 3.02 करोड़ टन कर दिया है। चीनी मिलों के संघ इस्मा ने गुरुवार को कहा कि वर्ष 2020-21 के विपणन सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के लिए इथेनॉल उत्पादन के लिए लगभग 20 लाख टन गन्ना रस और बी-शीरा के इस्तेमाल की संभावना को ध्यान में रखते हुए उत्पादन का अनुमान कम किया गया है।  संशोधित अनुमान भी 2019-20 में दो करोड़ 74.2 लाख टन चीनी के उत्पादन से अधिक है।

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने अपने पहले अनुमान में, चालू सत्र के लिए उत्पादन 3.1 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया था। दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, इस्मा ने कहा, ”देश में वर्ष 2020-21 के दौरान 3.02 करोड़ टन चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद है।  देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन चालू सत्र में 1.05 करोड़ टन से कम होने का अनुमान है, जो पिछले सत्र में एक करोड़ 26.3 लाख टन का हुआ था।

महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन अधिक होने का अनुमान

दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन पिछली बार के 61.6 लाख टन के मुकाबले बढ़कर एक करोड़ 5.4 लाख टन होने का अनुमान है। राज्य में इस बार गन्ना खेती का रकबा 48 प्रतिशत बढ़ने से मिलें ज्यादा पेराई कर पा रही हैं।तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में उत्पादन पिछले सत्र के 34.9 लाख टन से बढ़कर इस सत्र में 42.5 लाख टन होने का अनुमान है।  इस्मा के अनुसार, एक अक्टूबर, 2020 को लगभग 1.07 करोड़ टन के शुरुआती स्टॉक को ध्यान में रखने के बाद, देश में सत्र के अंत में लगभग 89 लाख टन के तक स्टॉक रहने की उम्मीद है।

चीनी की एमएसपी बढ़ाने पर जल्द हो फैसला

इस्मा ने कहा कि सरकार ने 2020-21 सीज़न के दौरान चीनी मिलों की तरलता में सुधार के लिए दो महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों की घोषणा की है, इस सत्र के लिए 60 लाख टन के चीनी निर्यात कार्यक्रम और इथेनॉल की कीमतों में सुधार की घोषणा की है, जिसका चीनी उद्योग ने स्वागत किया है।  चीनी उद्योग ने कहा कि लगभग सभी राज्यों में चीनी की एक्स-मिल कीमतें पहले से ही दबाव में हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कि चीनी मिलें किसानों को भुगतान करने में सक्षम बनें, चीनी की एमएसपी बढ़ाने पर जल्द फैसला करने की जरूरत है।

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