लखनऊ
तिब्बत के राष्ट्रपति पेन्पा त्सेरिंग का मिला साथ
दिसम्बर। भारत तिब्बत समन्वय संघ के कल 4 दिसम्बर से शुरू होने जा रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में देश की सुरक्षा, तिब्बत की आजादी और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति पर तीखे प्रस्ताव आने की उम्मीद है। कल सुबह इसके उदघाटन में तिब्बत के सिक्योंग पेंपा त्सेरिंग भी प्रमुख अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे। तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रमुख को सिक्योंग कहा जाता है।इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री ब्रजेश पाठक मुख्य अतिथि होंगे। हरियाणा के पूर्व राज्यपाल व संघ के केंद्रीय संरक्षक प्रो कप्तान सिंह सोलंकी भी बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष उपस्थित रहेंगे।
तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में कई राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रस्ताव भी पारित होंगे। अंतिम दिन 6 दिसम्बर को राष्ट्र रक्षा-धर्म रक्षा का संकल्प लेते हुए बीटीएसएस को और अधिक प्रभावी करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति की घोषणा भी होनी हैं। संघ की संवाद प्रभारी ज्योति शर्मा ने बताया कि संघ यह मानता है कि तिब्बत की आजादी के बगैर भारत सदैव असुरक्षित रहने वाला है और एक प्रकार से बीटीएसएस अखंड भारत की कल्पना में तिब्बत को चीन से मुक्त भूभाग के रूप में देखता है। शंकर भगवान के मूल स्थान कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के बगैर हमारी धार्मिक व सांस्कृतिक आजादी आज भी अधूरी है। इसके लिए कई कूटनीतिक प्रस्ताव लाने हैं। संघ के राष्ट्रीय सह संयोजक (प्रचार व आईटी) हिमांशु राज पांडेय ने बताया कि पूर्व में इन्हीं तारीखों में होने जा रही इस कार्यसमिति की बैठक को हरिद्वार में बढ़ते कोरोना की वजह से टाल कर अब गूगल मीट पर ऑनलाइन किया जाएगा।