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ढाका हमला: अंतिम संस्कार आज गुड़गांव में, दोस्त फराज ने दी तारिषि के लिए जान

फिरोजाबाद. ढाका के डिप्लोमैटिक जोन के एक रेस्टोरेंट में शुक्रवार रात ISIS के हमले में मारी गई भारतीय लड़की तारिषि का अंतिम संस्कार सोमवार को गुड़गांव में किया जाएगा। उसकी बॉडी ढाका से दिल्ली लाई जाएगी। तारिषि आतंकी हमले के दौरान रेस्टोरेंट में अपने दो दोस्तों अंबिता कबीर और फराज हुसैन के साथ थीं। आतंकियों ने फराज को बांग्लादेशी होने की वजह से जाने को कहा था, लेकिन उसने तारिषि का साथ नहीं छोड़ा। 6 आतंकियों ने इन तीनों समेत 20 विदेशियों को धारदार हथियारों से मार डाला था। फैमिली ने अंतिम संस्कार फरीदाबाद में करने को कहा था…
– शुक्रवार रात ढाका के पॉश इलाके गुलशन डिप्लोमैटिक जोन के एक रेस्टोरेंट में ‘अल्लाह-हू-अकबर’ का नारा लगाते हुए आतंकियों ने कई लोगों को बंधक बनाया था।
– इनमें से आयतें सुनाने वाले 18 लोगों को छोड़ दिया था। जबकि 20 लोगों को मार डाला था।
– ये सभी विदेशी थे। ज्यादातर इटली और जापान के थे। हमले के 10 घंटे बाद 100 कमांडोज ने आईएस के 9 में से 6 आतंकियों को मार गिराया।
– एक मौके से ही पकड़ा गया। दो की तलाश जारी है।
– तारिषी ने शनिवार तड़के 1.30 बजे आखिरी बार परिवार को फोन किया था। परिवार ने इसके बाद कई बार फोन किया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ।
– अगले दिन सुबह साढ़े 6 बजे फोन रिसीव हुआ, लेकिन दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
– तारिषि के पिता संजीव जैन, मां तूलिका जैन और भाई संचित जैन ढाका में ही रहते हैं।
अंतिम संस्कार गुड़गांव में होगा
– फैमिली मेंबर के मुताबिक, तारिषि जैन की बॉडी को दिल्ली पहुंचने के बाद यहां तक आने में काफी देर हो जाएगी, इसलिए ढाका से उसका शव दिल्ली पहुंचने के बाद अंतिम संस्कार गुड़गांव में किया जाएगा।
– इससे पहले अंतिम संस्कार यूपी के फिरोजाबाद में करने की बात कही जा रही थी।
– तारिषि के पिता का गुड़गांव में भी एक मकान है। तारिषी की मौत की खबर के बाद से फिरोजाबाद में मातम का माहौल है।
– उसके ताऊ राजीव जैन, चाचा राकेश मोहन और अजीत जैन परिवार के साथ यहां रहते हैं।
फराज ने नहीं छोड़ा तारिषि और अंबिता का साथ
– आईविटनेस के मुताबिक, 20 साल के फराज ने अपनी दोस्त तारिषि और अंबिता के लिए जिंदगी दांव पर लगा दी।
– आतंकी लोगों की पहचान पूछकर मार रहे थे। बांग्लादेशी होने की वजह से हमलावरों ने फराज को रेस्टोरेंट से जाने को कहा, लेकिन उसने अपने दोनों दोस्तों को छोड़कर जाने से मना कर दिया।
– बता दें कि 19 साल की तारिषि भारतीय मूल की थी। जबकि 19 साल की अंबिता बांग्लादेशी थी, लेकिन वह यूएस में पढ़ रही थी।
– दोनों उस रात वेस्टर्न आउटफिट पहने थीं। ये तीनों इफ्तार के बाद कैफे गए थे।
– आतंकियों ने फराज से दाेनों की आइडेंडिटी पूछी। उसने बताया कि एक भारतीय और एक अमेरिकी है।
– इसके बाद आतंकियों ने दोनों की हत्या करने की तैयारी कर ली, लेकिन फराज से कहा कि वह जा सकता है।
– लेकिन फराज नहीं माना। बाद में वह भी मारा गया।
तारिषि के पिता का बांग्लादेश में कपड़े का बिजनेस है
– तारिषि छुट्टियां मनाने बांग्लादेश गई थीं। उन्होंने हाल ही में कैलिफोर्निया की बर्कले यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था।
– तारिषि के पिता का यहां कपड़े का बिजनेस है। वह ढाका में करीब 10 साल से रह रहे हैं। उनका घर इस रेस्टोरेंट के करीब है।
– उनके कुछ दोस्तों ने लगातार तारिषि के मोबाइल पर फोन किए, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
– भारत में रह रहीं बांग्लादेशी राइटर तस्लीमा नसरीन ने शुक्रवार रात ही दावा किया था कि बंधकों में एक भारतीय लड़की भी है।
– शनिवार दोपहर तस्लीमा ने दोबारा ट्वीट कर बताया था कि तारिषि को आईएस के आतंकियों ने मार डाला।
– इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट कर बताया कि तारिषि की आतंकियों ने हत्या कर दी है। मैंने उनके पिता संजीव जैन से भी बात की है।
फिरोजाबाद का रहने वाला है परिवार
– बांग्‍लादेश में आतंकी हमले में मारी गई तारिषि जैन का परिवार मूल रूप से फिरोजाबाद के सुहानगर का रहने वाला है।
– उसके पिता संजीव जैन वर्ष 1990 में बिजनेस के सिलसिले में हांगकांग शिफ्ट हो गए थे।
– वहीं पर 1997 में तारिषि का जन्‍म हुआ।
– शुरुआती पढ़ाई हांगकांग में ही हुई।
– गारमेंट कारोबार के सिलसिले में उनका परिवार 2006-07 में ढाका शिफ्ट हुआ था।
– तारिषि एमबीए करने के लिए कैलिफोर्निया गई थीं।
– वह हाल ही में वहां से लौटकर 3 महीने की इंटर्नशिप करने ढाका आई थीं।

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