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जानें कैसे मिलेगी आपको सरकारी नौकरी

आरआरबी, आईबीपीएस और एसएससी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए साल 2021 बेहद अहम साबित होगा। 19 अगस्त, 2020 को मोदी सरकार के एक फैसले से 2021 में निकलने वाली रेलवे, बैंक और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में निकलने वाली भर्तियों के लिए चयन का पैटर्न बदल जाएगा। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) साल 2021 में अपना पहला कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) करवाएगा। एनआरए की शुरुआत रेलवे ( RRB ) , बैंकिंग ( IBPS ) और एसएससी ( SSC ) की प्रारंभिक परीक्षाओं (प्रीलिम्स) को मर्ज करने से होगी। रेलवे, बैंक और केंद्र सरकार की नौकरियों (ग्रुप बी और ग्रुप सी लेवल के पद) के लिए एक ही कॉमन प्रारंभिक भर्ती परीक्षा होगी। एनआरए केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों के लिए सीईटी कराएगी। इससे करीब ढाई करोड़ उम्मीदवारों को एक से अधिक परीक्षाओं में बैठने से छुटकारा मिलेगा। पहले एनआरए के बाद एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस की तरह अन्य भर्ती एजेंसियां भी इसमें शामिल की जाएंगी। केंद्र की करीब 20 एजेंसियां भर्ती परीक्षाएं आयोजित करती हैं जो चरणबद्ध तरीके से इसमें मर्ज हो जाएंगी।

जानें कैसे काम करेगा एनआरए, कैसे बदल जाएगी रेलवे, बैंक और एसएससी भर्ती की चयन प्रक्रिया

– कब हो सकता है एनआरए का पहला सीईटी (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट)
केंद्र सरकार कह चुकी है कि सरकारी नौकरियों की भर्ती के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) पहला कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) सितंबर 2021 से आयोजित कर सकती है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी थी।

– साल में दो बार परीक्षा :
एनआरए ग्रप बी और ग्रुप सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्‍मीदवारों की स्‍क्रीनिंग करने के लिए एक कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी)  आयोजित करेगी। एनआरए वर्ष में दो बार ऑनलाइन माध्यम से सीईटी आयोजित करेगा।

– RRB, IBPS और SSC की सिर्फ प्रारंभिक परीक्षाएं ही NRA कराएगा
NRA की शुरुआत रेलवे, बैंकिंग और एसएससी की आरंभिक परीक्षाओं को मर्ज करने से होगी। यानी RRB, IBPS और SSC जो भर्ती परीक्षाएं आयोजित करते हैं, उनकी केवल प्रारंभिक परीक्षाएं ( प्रीलिम्स ) एनआरए द्वारा आयोजित की जाएगी।  प्रारंभिक परीक्षाओं के बाद की भर्ती प्रक्रिया व परीक्षा के चरण RRB, IBPS और SSC ही संभालेंगे।

 चयन प्रक्रिया आसान होगी
केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बताया है कि इस फैसले से भर्ती, चयन प्रक्रिया और प्लेसमेंट की प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों के अभ्यर्थियों, महिलाओं, दिव्यांगों को विभिन्न नौकरियों के लिए परीक्षा देने सैकड़ों किलोमीटर तक जाना पड़ता था। परिवार भी इसकी वजह से परेशान होता था। अब इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी। निम्न वर्ग के उम्मीदवारों को विशेष रूप से फायदा होगा। जितेंद्र सिंह ने बताया कि सबसे पहले देश के 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

– स्वायत्त संस्था की तरह काम करेगी NRA
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में संयुक्त पात्रता परीक्षा कराने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि गैर राजपत्रित सरकारी पदों पर और सरकारी बैंकों में भर्ती के लिए एक ही ऑनलाइन परीक्षा होगी। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) एक स्वायत्त संस्था की तरह काम करेगी। इस सोसाइटी का अध्यक्ष सचिव स्तर का अधिकारी होगा। इसके संचालक निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी तथा आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से युक्त एक विशेषज्ञ निकाय होगा।

– भर्ती एजेंसियों की जगह NRA के आने से होंगे बड़े फायदे
गरीब उम्मीदवारों को राहत- कई परीक्षाएं होने से अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा फीस देने, शहरों में आने-जाने और रहने के खर्च भरने के डर से तमाम गरीब छात्र नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे। लेकिन अब उन्हें हर परीक्षा के लिए बार-बार फार्म नहीं भरना पड़ेगा।

– महिलाओं को सहूलियत- तमाम महिला अभ्यर्थी और दिव्यांग सिर्फ इसी वजह से फार्म नहीं भरते थे कि उन्हें दूसरे शहर जाकर परीक्षा देनी पड़ेगी। सुरक्षा भी एक बड़ी वजह होती थी। नए फैसले से फिर उन्हें हौसला मिलेगा क्योंकि महज कुछ घंटों में वे परीक्षा देकर फिर घर आ सकेंगी।

– एजेंसियों पर बोझ घटेगा- अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं केवल उम्मीदवारों ही नहीं बल्कि संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ होती हैं। हर बार उन्हें अलग-अलग तैयारियां करनी पड़ती थीं। अब उनके लिए भी सहूलियत होगी। एक बार परीक्षा करानी होगी और एक बार रिजल्ट निकालना होगा।

– राज्य सरकारों को भी लाभ- केंद्र, राज्य सरकारों के साथ राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की ओर से आयोजित परीक्षा का परिणाम साझा करेगी। राज्य इसे स्वीकार करते हैं तो राज्यों में नियुक्तियां भी इसी से हो सकेंगी।

– केंद्रों के विकल्प दे सकेंगे- उम्मीदवारों को जल्द ही एक सामान्य पोर्टल पर पंजीकरण और परीक्षा केंद्रों का विकल्प देने की सुविधा होगी। उपलब्धता के आधार पर केंद्र आवंटित होंगे। पहले भी ऐसा होता था लेकिन अब एक परीक्षा होने से ज्यादा फायदा होगा।

एक साथ लाखों का टेस्ट- सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एक साथ लाखों लोगों की परीक्षा ली जा सकेगी, इसके लिए बहुत सारा संसाधन झोंकने की भी जरूरत नहीं होगी। खर्च भी काफी कम आएगा और पारदर्शिता भी बनी रहेगी।

– सब कुछ ऑनलाइन
अभ्यर्थियों का पंजीकरण, रोलनंबर और प्रवेश पत्र जारी होना, अंक पत्र और मेरिट लिस्ट सबकुछ ऑनलाइन जारी किया जाएगा। इसमें किसी तरह के फिजिकल वैरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी। इससे धांधली रोकने में मदद मिलेगी।

– 10वीं-12वीं और स्नातक- तीन स्तर की होगी परीक्षा
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) द्वारा आयोजित किया जाने वाला कॉमन एलेजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) तीन स्तर का होगा। उम्मीदवार अपनी योग्यता के हिसाब से परीक्षा चुन सकेंगे। कार्मिक मंत्रालय के अनुसार, सीईटी के ये तीन स्तर ग्रेजुएट, इंटर मीडिएट तथा हाईस्कूल तक पढ़े उम्मीदवारों के लिए निर्धारित किए गए हैं। टेस्ट के लिए आवेदन से लेकर प्रवेश पत्र प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया आनलाइन होगी। उम्मीद स्वयं अपना परीक्षा केंद्र चुन सकेंगे।

– परीक्षा में बैठने की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं, तीन साल तक मान्य रहेंगे मार्क्स
सीईटी में उम्मीदवार के बैठने की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की गई है। यदि कोई राज्य सीईटी के स्कोर से भर्ती करना चाहता है तो उसे यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सीईटी से समय एवं धन दोनों की बचत होगी। सीईटी मल्टीपल च्वॉइस (बहुविकल्प) प्रश्नों पर आधारित परीक्षा होगी और इसका स्कोरकार्ड तीन वर्षो तक मान्य होगा।

-12 भाषाओं में होगी सीईटी परीक्षा
कार्मिक सचिव सी. चन्द्रमौली ने बताया कि यह एजेंसी 12 भाषाओं में परीक्षा का आयोजन करेगी। तीन वर्ष तक स्कोर मान्य होगा। इस बीच उम्मीदवार अपने स्कोर में सुधार के लिए आगामी परीक्षा में भी बैठ सकेगा। परीक्षा के प्रश्न एक संयुक्त प्रश्न बैंक से लिए जाएंगे।

– एक तरह के पदों के लिए एक परीक्षा
अलग-अलग विभागों में एक ही तरह के सरकारी पदों के लिए एक ही परीक्षा कराई जाएगी। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) ग्रुप बी और ग्रुप सी (गैर तकनीकी) पदों के लिये साझा पात्रता परीक्षा के जरिये उम्मीदवारों की छंटनी (स्क्रीनिंग) करेगी।

ग्रुप-बी और सी वालों को बड़ी राहत
ग्रुप बी और सी की आरंभिक परीक्षा की अर्हताएं एक जैसी होती हैं, लेकिन हर बोर्ड का अलग पैटर्न होने के कारण उम्मीदवारों को अलग-अलग प्रकार से परीक्षा की तैयारी करनी पड़ती है। एक परीक्षा होने से एक ही किस्म की तैयारी करनी होगी।

एक परीक्षा की योजना सफल रही
केंद्र सरकार ने पूर्व में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए भी एक टेस्ट किया है। जो सफल रहा है। जबकि पहले हर राज्य अपनी परीक्षा करता था। इसी प्रकार प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के लिए एक एजेंसी एनटीए का गठन किया है। पहले यह कार्य सीबीएसई या अन्य एजेंसियों को करना पड़ता था।

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