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चीन के पीछे हटने पर ही हटेगी भारत की सेना डोकलाम से

भारत अपने पड़ोसी देश चीन के साथ कोई युद्ध नहीं चाहता, लेकिन यदि ऐसी स्थिति नई दिल्ली पर थोपी गई तो तैयारी पूरी है। इसी रणनीति को केन्द्र में रखकर भारत ने चीन से डोकलाम में पीछे हटने की अपील को कूटनीतिक धार देना शुरू किया है।
भारत और भूटान दोनों चाहते हैं कि डोकलाम में चल रहे गतिरोध को लेकर चीन की सेना 16 जून से पहले की स्थिति में लौट जाए। माना जा रहा है कि 27-28 जुलाई को इसके बाबत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अपने चीन के समकक्ष यांग जेइची से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

अजीत डोभाल ब्रिक्स (ब्राजील,भारत, रूस, चीन और  दक्षिण अफ्रीका) देशों के राष्ट्रीय सुलाहकारों की बैठक (27-28 जुलाई) में हिस्सा लेने कल से चीन के दौरे पर जा रहे हैं। अजीत डोभाल और यांग जेइची भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधि के तौर पर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के निबटारे के लिए वार्ता भी कर रहे हैं।

फिलहाल भारत ने संयमित रहकर चीन को यह संदेश दे दिया है कि वह डोकलाम के मुद्दे पर न तो झुकने जा रहा है और न ही किसी तरह के युद्ध का पक्षधर है। इसी के साथ नई दिल्ली संभावित चुनौती का आकलन करते हुए कूटनीतिक और अन्य तैयारियों को तेज कर दिया है। समझा जा रहा है कि भारत और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच चर्चा के बाद 16 से जारी डोकलाम गतिरोध का रास्ता निकल सकता है।

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