चर्चा में आईं हरियाणा की ये महिला आइएएस !
हिसार – हरियाणा के हिसार में तैनात उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी अपने अभिनव प्रयोगों से एक नई सोच को स्थापित कर रही हैं। सिस्टम और जनता के बीच की दूरी को कम करने का प्रयास कर रही हैं। इसके साथ ही महिलाओं की ऐसी समस्याएं दूर कर रही हैं जिनपर कभी सरकारी सिस्टम गौर ही नहीं करता। हाल ही में वह लघु सचिवालय में मातृत्व कक्ष की स्थापना से चर्चा में आई हैं। हिसार के लघु सचिवालय में बने मातृत्व कक्ष में माताओं के साथ उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी। हिसार उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी इन दिनों सुर्खियों में है। डा. प्रियंका सोनी अपने अनोखे प्रयोगों से लोगों की समस्याएं दूर करने और सिस्टम व लोगों के बीच दूरी को पाटने का कार्य कर रहीं। वे लघु सचिवालय में मातृत्व कक्ष की स्थापना से चर्चा में आई हैं।
IPL 2022 Purple cap : पर्पल कैप की सूची में टाप 3 में भारतीय गेंदबाज !
दरअसल महिलाएं जब भी घर से बाहर होती हैं उनके लिए कई चुनौतियां पांव पसारे खड़ी रहती हैं। अगर वह महिला किसी नवजात बच्चे की मां है तो फिर यह चुनौतियां और भी बड़ा रूप ले लेती हैं। ऐसा ही एक मामला उपायुक्त डा. सोनी के साथ भी हुआ। उन्होंने महसूस किया कि एक महिला अपने नवजात बच्चे के साथ अगर घर से बाहर निकलती है या किसी कार्य से सरकारी कार्यालय जाती है और वहां पर बच्चे को भूख लग जाती है तो सार्वजनिक स्थान होने के कारण वह उसे दूध भी नहीं पिला पाती है। चाहें वह वहां कार्य करने वाली महिला कर्मचारी ही क्यों न हो।
हिसार के लघु सचिवालय में बने मातृत्व कक्ष में बच्चों व उनकी माताओं के लिए मौजूद सुविधाएं।
इस समस्या को देखते हुए उपायुक्त ने हिसार के लघु सचिवालय में एक मातृत्व कक्ष बनाया है। जिसमें महिलाएं अपने नवजात का एकांत में ध्यान रख सकती हैं। वह उसे दूध पिला सकती हैं, उसकी नैपी बदल सकती हैं यहां तक कि उसे पालने में झुलाकर नींद भी दिला सकती हैं।
यह सभी इंतजाम मातृत्व कक्ष में किए गए हैं। इस कक्ष की दीवारों पर बच्चे और मां का पोषण कैसे करें जैसी जानकारी भी पोस्टर के रूप में लगाई गई हैं। कोई दिक्कत न हो इसके लिए आरामदायक सोफा लगाया गया है। सरकारी कार्यालय में इस प्रकार का प्रयोग पहली बार किसी उपायुक्त ने किया है। इससे पहले भी वह अपने प्रयोगों को लेकर चर्चा में रही हैं।
बुजुर्ग को कैथल में बनाया था एक दिन का उपायुक्त
उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी का यह पहला प्रयोग नहीं है। बल्कि वह कैथल में उपायुक्त रहने के दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति को एक दिन का उपायुक्त बना चुकी हैं। जहां पर बुजुर्ग डीसी की कुर्सी पर बैठे और उन्होंने डीसी की तरफ जनसमस्याएं सुनकर अधिकारियों को समस्या का निस्तारण करने के निर्देश भी दिए हैं।
सिर्फ यह नहीं बल्कि हिसार आने के बाद उन्होंने ऐसे बुजुर्गों का हाथ थामा जिनका सहारा अपने भी छोड़ चुके थे। या उन्हें अपनों द्वारा परेशान किया जा रहा है। उन बुजुर्गों को सुरक्षा, रोजगार, दवा आदि के लिए सक्षम युवाओं की टीम लगाकर मदद की जा रही है।
महिलाओं के स्वास्थ्य में लाया सुधार
महिलाएं घर में सबका ख्याल रखती हैं मगर कभी यह नहीं सोचती कि उनकी सेहत का क्या हाल है। उपायुक्त ने इसी बात का ख्याल रखते हुए जिला में महिलाओं के स्वास्थ्य का परीक्षण कराया। जिसमें एनीमिया की जांच की गई। इस जांच में आलीशान घरों में रहने वाली महिलाओं से लेकर झुग्गियों में रहने वाली महिलाएं तक शामिल हुईं। जिसमें 70 फीसद से अधिक महिलाअों में एनीमिया पाया गया। इसमें उन्हें चिकित्सकीय सलाह और दवा भी निशुल्क उपलब्ध कराई गई।