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गोमूत्र उत्पादों के इस्तेमाल को बताया नाजायज, दारुल उलूम ने जारी किया फतवा
लखनऊ.दारुल उलूम ने गोमूत्र उत्पादों के खिलाफ फतवा जारी किया है। इस्लामिक मदरसे ने ऐसे उत्पादों के इस्तेमाल को नाजायज बताया है। बता दें, इसके पहले भी जब तमिलनाडु तौहीद जमात ने जारी किया था फतवा जारी किया था तो देवबंद के उलेमाओं ने भी उसका समर्थन किया था।
फतवे में क्या कहा गया?
– मदरसे के एक्सपर्ट्स के एक पैनल ने फतवे में कहा, ‘अगर ये कहा जाता है कि किसी सामान में गोमूत्र मिला है तो उसके इस्तेमाल की परमिशन नहीं है।’
– ‘हालांकि, अगर यकीन है कि उसी ब्रांड के दूसरे उत्पाद में गोमूत्र नहीं है तो उसे इस्तेमाल किया जा सकता है।’
– बता दें, ये फतवा उस सवाल के जवाब में जारी किया गया है जिसमें पूछा गया था कि क्या मुसलमानों को पतंजलि जैसे ब्रांडों के उत्पादों इस्तेमाल करना चाहिए?
– इसमें कहा गया कि गोमूत्र के उत्पाद धार्मिक सिद्धांतों का उल्लंघन हैं।
– इसमें कहा गया कि गोमूत्र के उत्पाद धार्मिक सिद्धांतों का उल्लंघन हैं।
तमिलनाडु तौहीद जमात ने जारी किया था फतवा
– बता दें, इसी साल की शुरुआत में बाबा रामदेव के पतंजलि प्रोडक्ट्स के खिलाफ तमिलनाडु तौहीद जमात (TNTJ) ने फतवा जारी किया था, जिसका देवबंद के उलेमाओं ने भी समर्थन किया था।
– dainikbhaskar.com से बातचीत में देवबंदी उलेमाओं ने कहा था, ‘इस्लाम में मल-मूत्र को नापाक और नाजायज बताया गया है। इसलिए अगर किसी चीज में मल या मूत्र मिला हो तो उसका इस्तेमाल मुसलमानों के लिए पूरी तरह से नाजायज होगा।’
– dainikbhaskar.com से बातचीत में देवबंदी उलेमाओं ने कहा था, ‘इस्लाम में मल-मूत्र को नापाक और नाजायज बताया गया है। इसलिए अगर किसी चीज में मल या मूत्र मिला हो तो उसका इस्तेमाल मुसलमानों के लिए पूरी तरह से नाजायज होगा।’
पतंजलि ने क्या दी थी सफाई?
– प्रेस कॉन्फेंस कर पतंजलि ने सफाई दी थी कि पतंजलि ने कभी प्रोडक्ट्स में गोमूत्र मिले होने की जानकारी नहीं छिपाई है।
– कंपनी फिलहाल 800 प्रोडक्ट बनाती है, जिसमें सिर्फ पांच को बनाने में गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है।
– कंपनी फिलहाल 800 प्रोडक्ट बनाती है, जिसमें सिर्फ पांच को बनाने में गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है।