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खतरे के निशान के ऊपर बह रही गंगा, छतों पर करना पड़ रहा अंतिम संस्कार: बनारस में बाढ़
वाराणसी. यहां गंगा का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। सेंट्रल वॉटर कमीशन के मुताबिक, बनारस में गंगा खतरे के निशान 71.26 मीटर से बढ़कर 72.54 मीटर पर पहुंच गई है। यह रोजाना 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। वाराणसी और इलाहाबाद के कई इलाकों में पानी भरने के बाद जरूरत की चीजें महंगी हो गई हैं। सब्जियों के दाम डबल हो गए हैं। बाढ़ के चलते मणिकर्णिका घाट पर शवों का छतों पर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। बता दें कि ये अकेला ऐसा श्मशान घाट है जिसे तीर्थस्थल माना जाता है। आरती भी छतों पर…
– मणिकर्णिका घाट का महाश्मशान और हरिशचंद्र घाट डूब गया है। चिताओं को कहीं छतों पर तो कहीं गलियों में जलाया जा रहा है।
– कहा जाता है कि मणिकर्णिका घाट विश्व का इकलौता ऐसा श्मशान घाट है, जहां 24 घंटे अंतिम संस्कार होता है।
– पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इस घाट पर मां पार्वती मृत आत्मा को खुद आंचल में लेती हैं और भगवान शंकर तारक मंत्र देकर मोक्ष प्रदान करते हैं।
– हरिशचंद्र घाट पर बने इलेक्ट्रिक क्रिमेशन को भी एहतियातन बंद कर दिया गया है।
– पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इस घाट पर मां पार्वती मृत आत्मा को खुद आंचल में लेती हैं और भगवान शंकर तारक मंत्र देकर मोक्ष प्रदान करते हैं।
– हरिशचंद्र घाट पर बने इलेक्ट्रिक क्रिमेशन को भी एहतियातन बंद कर दिया गया है।
– गंगा के खतरनाक लेवल पार करने के बाद कई इलाकों में पानी भर गया है। गंगा आरती घरों की छतों पर हो रही है।
– बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए कॉलोनियों और गलियों में बोट चलाई जा रही है। माना जा रहा है कि गंगा 2013 के रिकॉर्ड 72.63 मीटर को पार कर जाएगी।
कितना असर?
– गंगा के करीब बसे इलाकों के लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। डीएम ने 25 तारीख तक सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया है। 200 से ज्यादा गांव, 800 से ज्यादा मकान और 120 से ऊपर शहरी इलाके पानी में हैं।
– NDRF की टीम ने 350 से ज्यादा लोगों को बचाया है। 35 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
– 50 से ऊपर रिहायशी इलाकों में बाढ़ का असर है। कोनिया, शैलपुत्री, हुकुलगंज, नई बस्ती, पुलकोहना, सराय मोहना, नख्खी घाट, सामने घाट, मारुति नगर, नगवा जैसे इलाकों में सब्जियां बहुत कम पहुंच पा रही है। अब लोग इलाकों में निकल रहे सांपों से परेशान हैं।
– NDRF की टीम ने 350 से ज्यादा लोगों को बचाया है। 35 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
– 50 से ऊपर रिहायशी इलाकों में बाढ़ का असर है। कोनिया, शैलपुत्री, हुकुलगंज, नई बस्ती, पुलकोहना, सराय मोहना, नख्खी घाट, सामने घाट, मारुति नगर, नगवा जैसे इलाकों में सब्जियां बहुत कम पहुंच पा रही है। अब लोग इलाकों में निकल रहे सांपों से परेशान हैं।
इलाहाबाद में कैंपों में गुजारा कर रहे 8 हजार से ज्यादा लोग
– इलाहाबाद में भी लगातार बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है। गंगा खतरे के निशान 84.734 से ऊपर बह रही है।
– आसपास के शहर और गांव पानी में डूब गए हैं। 3 लोगों की मौत हो चुकी हैं, 8 हजार से ज्यादा लोग कैंपों में गुजारा कर रहे हैं।
– लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों की छतों पर फंसे हैं। उन्हें एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
– यहां बाढ़ और बारिश से अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं।
– 8 हजार से ज्यादा लोग अपना घर-बार छोड़कर रिलीफ कैम्पों में शरण लिए हुए हैं।
– 500 से ज्यादा मवेशी लापता हो गए हैं। शहरी क्षेत्र में बाढ़ से 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। तकरीबन 150 गांव भी बाढ़ की चपेट में हैं।
– इलाहाबाद में भी लगातार बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है। गंगा खतरे के निशान 84.734 से ऊपर बह रही है।
– आसपास के शहर और गांव पानी में डूब गए हैं। 3 लोगों की मौत हो चुकी हैं, 8 हजार से ज्यादा लोग कैंपों में गुजारा कर रहे हैं।
– लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों की छतों पर फंसे हैं। उन्हें एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
– यहां बाढ़ और बारिश से अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं।
– 8 हजार से ज्यादा लोग अपना घर-बार छोड़कर रिलीफ कैम्पों में शरण लिए हुए हैं।
– 500 से ज्यादा मवेशी लापता हो गए हैं। शहरी क्षेत्र में बाढ़ से 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। तकरीबन 150 गांव भी बाढ़ की चपेट में हैं।