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कोच नहीं चुने गए शास्त्री ने कहा- गांगुली से पूछें उन्हें मुझसे क्या दिक्कत है?
मुंबई.टीम इंडिया के पूर्व डायरेक्टर रवि शास्त्री हेड कोच न बनाए जाने से काफी दुखी हैं। शास्त्री ने कहा है कि सौरव गांगुली से ये जरूर पूछा जाना चाहिए कि उन्हें मुझसे (शास्त्री) दिक्कत क्या है? बता दें कि पिछले दिनों अनिल कुंबले को एक साल के लिए टीम इंडिया का कोच बनाया गया है। जबकि इसके लिए रवि शास्त्री का नाम दौड़ में सबसे आगे चल रहा था। और क्या कहा रवि ने….
–एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में शास्त्री ने कहा कि जब मुझे कोच नहीं बनाया गया तो उस वक्त मुझे काफी दुख हुआ था। लेकिन अब ये बात एक हफ्ते पुरानी हो गई है। इसलिए अब कोई फर्क नहीं पड़ता।
– शास्त्री ने कहा कि किसको कोच बनाना चाहिए? ये फैसला बोर्ड करता है। ये उसका अधिकार है कि वो किसे ये जिम्मेदारी देना चाहता है।
कुंबले पर क्या कहा?
–जब शास्त्री से ये पूछा गया कि क्या कुंबले को कोच बनाने का फैसला पहले ही ले लिया गया था? इस पर शास्त्री ने कहा- इस सवाल का जवाब देना मेरा काम नहीं है। जब मैं डायरेक्टर था तो टीम तैयार करना मेरा काम था। और ये मैंने पूरी ईमानदारी और मेहनत से किया। आज हर फॉर्मेट में टीम इंडिया वर्ल्ड की टॉप टू टीम्स में है।
इंटरव्यू प्रोसेस पर क्या बोले रवि शास्त्री?
– हेड कोच के लिए अपनाए गए इंटरव्यू प्रोसेस की ट्रांसपेरेंसी पर रवि शास्त्री ने कहा कि मेरा काम इंटरव्यू देना था और वो मैंने दिया। अब अंदर क्या हो रहा था? इसके बारे में क्या कह सकता हूं।
– शास्त्री टीम इंडिया के साथ 18 महीने तक बतौर डायरेक्टर रहे। इस बारे में उनका कहना है कि उस दौरान टीम ने काफी कुछ हासिल किया। हम टेस्ट में नंबर एक बने, वनडे में अच्छा किया और टी-20 में भी विदेशों में अच्छा परफॉर्म करके आए।
– इस पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि बॉलिंग को और बेहतर बनाने की जरूरत है। अब कुंबले आ गए हैं तो ये काम आसान हो जाएगा। शास्त्री ने कहा कि टीम इंडिया के साथ उनका सफर यादगार रहा है और उन्हें कोई दुख नहीं है।
– शास्त्री टीम इंडिया के साथ 18 महीने तक बतौर डायरेक्टर रहे। इस बारे में उनका कहना है कि उस दौरान टीम ने काफी कुछ हासिल किया। हम टेस्ट में नंबर एक बने, वनडे में अच्छा किया और टी-20 में भी विदेशों में अच्छा परफॉर्म करके आए।
– इस पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि बॉलिंग को और बेहतर बनाने की जरूरत है। अब कुंबले आ गए हैं तो ये काम आसान हो जाएगा। शास्त्री ने कहा कि टीम इंडिया के साथ उनका सफर यादगार रहा है और उन्हें कोई दुख नहीं है।
सौरव पर क्या कहा रवि ने?
– फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक ओवर में छह छक्के लगा चुके शास्त्री से जब ये पूछा गया कि आपके इंटरव्यू के दौरान सौरव क्यों मौजूद नहीं रहे और उनसे आपका क्या इश्यू है तो उन्होंने कहा- हां, सौरव वहां नहीं थे। आपको ये सवाल मेरी जगह सौरव से पूछना चाहिए कि उन्हें मुझसे दिक्कत क्या है?
– शास्त्री ने कहा- मैं किसी सीईओ के जाॅब के लिए इंटरव्यू देने नहीं गया था। सचिन, लक्ष्मण और संजय जगदाले से काफी अच्छा डिस्कशन हुआ। फ्यूचर पर बात हुई। हम टेस्ट में नंबर वन इसलिए नहीं हैं क्योंकि छह महीने से हमने टेस्ट ही नहीं खेले हैं। अगर मुझे टीम इंडिया को गाइडेंस के लिए कहा जाएगा तो मैं उनकी मदद जरूर करूंगा।
– शास्त्री ने कहा- मैं किसी सीईओ के जाॅब के लिए इंटरव्यू देने नहीं गया था। सचिन, लक्ष्मण और संजय जगदाले से काफी अच्छा डिस्कशन हुआ। फ्यूचर पर बात हुई। हम टेस्ट में नंबर वन इसलिए नहीं हैं क्योंकि छह महीने से हमने टेस्ट ही नहीं खेले हैं। अगर मुझे टीम इंडिया को गाइडेंस के लिए कहा जाएगा तो मैं उनकी मदद जरूर करूंगा।
शास्त्री के इंटरव्यू के दौरान होटल से चले गए थे गांगुली
– कोच सिलेक्शन कमेटी में सचिन, वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली और संजय जगदाले थे।
– इंटरव्यू के समय वीवीएस लक्ष्मण और संजय ताज बंगाल होटल में थे। सचिन स्काइप के जरिए लंदन से जुड़े। शास्त्री बैंकाॅक में थे और वे भी वीडियो लिंक के जरिए जुड़े।
– हेड कोच के सिलेक्शन के दौरान जब शास्त्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना प्रेजेंटेशन और इंटरव्यू दे रहे थे, तब सौरव नदारद थे। गांगुली मीटिंग रूम से बाहर चले गए। उस वक्त फोन कॉल्स भी उन्होंने नहीं उठाए।
– शास्त्री ने बाद में मीडिया से कहा था- “मैंने टीम डायरेक्टर के रूप में 18 महीने काफी मेहनत की थी, फिर भी मुझे हेड कोच के रूप में नहीं चुना गया। मुझे जब यह खबर मिली तो मैं काफी निराश हुआ।”
– “मेरा इंटरव्यू शाम को 5 से 6 बजे के बीच हुआ था। इंटरव्यू के दौरान सचिन, वीवीएस लक्ष्मण और संजय जगदाले थे। गांगुली नहीं थे।”
– हेड कोच के सिलेक्शन के दौरान जब शास्त्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना प्रेजेंटेशन और इंटरव्यू दे रहे थे, तब सौरव नदारद थे। गांगुली मीटिंग रूम से बाहर चले गए। उस वक्त फोन कॉल्स भी उन्होंने नहीं उठाए।
– शास्त्री ने बाद में मीडिया से कहा था- “मैंने टीम डायरेक्टर के रूप में 18 महीने काफी मेहनत की थी, फिर भी मुझे हेड कोच के रूप में नहीं चुना गया। मुझे जब यह खबर मिली तो मैं काफी निराश हुआ।”
– “मेरा इंटरव्यू शाम को 5 से 6 बजे के बीच हुआ था। इंटरव्यू के दौरान सचिन, वीवीएस लक्ष्मण और संजय जगदाले थे। गांगुली नहीं थे।”
बोर्ड को पहले से पता था कि शास्त्री के इंटरव्यू के दौरान गांगुली मौजूद नहीं रहेंगे
– गांगुली ने शास्त्री के इंटरव्यू के दौरान गैर-हाजिर रहने के बारे में सिलेक्शन कमेटी को पहले ही बता दिया था।
– बीते मंगलवार इंटरव्यू के दौरान उन्हें दो इवेंट्स में जाना था। वे दोपहर 1 बजे बुक रिलीज के इवेंट में गए थे और आधे घंटे बाद लौट आए थे।
– शाम को जब शास्त्री के इंटरव्यू का वक्त आया तब 5 बजे से 6.30 बजे के बीच गांगुली क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल की वर्किंग कमेटी की मीटिंग में गए थे। वे इस एसोसिएशन के प्रेसिडेंट हैं।
क्यों गांगुली ने नहीं किया शास्त्री का फेवर
– सौरव गांगुली और रवि शास्त्री के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे।
– बताया जाता है कि सौरव कतई नहीं चाहते थे कि शास्त्री कोच बनें।
– एक साल पहले गांगुली टीम डायरेक्टर की दौड़ में रवि शास्त्री से पिछड़ गए थे।
– इसके बाद गांगुली की पूरी कोशिश रही कि शास्त्री को दूसरा मौका न मिले।
– जब गांगुली की जगह शास्त्री को टीम का कोच बनाया गया, तब यह खाई और चौड़ी हो गई।
– बताया जाता है कि सौरव कतई नहीं चाहते थे कि शास्त्री कोच बनें।
– एक साल पहले गांगुली टीम डायरेक्टर की दौड़ में रवि शास्त्री से पिछड़ गए थे।
– इसके बाद गांगुली की पूरी कोशिश रही कि शास्त्री को दूसरा मौका न मिले।
– जब गांगुली की जगह शास्त्री को टीम का कोच बनाया गया, तब यह खाई और चौड़ी हो गई।