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कैबिनेट ने दी फैसले को मंजूरी, बदलेंगे बॉम्बे, मद्रास और कलकत्ता हाई कोर्ट के नाम

नई दिल्ली. मुंबई और चेन्नई हाई कोर्ट का नाम अब शहरों के नाम पर ही होंगे। अब बांबे हाई कोर्ट को (मुंबई हाई कोर्ट) और मद्रास हाई कोर्ट को (चेन्नई हाईकोर्ट) के नाम से जाना जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग में कानून मंत्रालय ने इससे जुड़े प्रपोजल को अपनी मंजूरी दे दी है। अब हाई कोर्ट के नाम बदले जाने को लेकर सरकार पार्लियामेंट में एक नया विधेयक पास करवाएगी। द हाई कोर्ट्स (ऑल्टरेशन ऑप नेम्स) बिल लेकर आएगी सरकार…
– हाई कोर्ट के नाम शहरों के नाम पर किए जाने को लेकर केंद्र सरकार 2016 में ही द हाई कोर्ट्स (ऑल्टरेशन ऑप नेम्स) बिल लेकर आएगी।
– इंडियन हाई कोर्ट एक्ट, 1861 के तहत विधि मंत्रालय के न्याय विभाग ने सरकार को इस बिल को लाए जाने का प्रपोजल दिया है।
– बता दें कि 1990 के दशक में दोनों महानगरों के नाम बदले गए थे। बॉम्बे (मुंबई) और मद्रास (चेन्नई) किया गया था।
– इसके बाद से ही इन दोनों हाई कोर्ट के नाम मुंबई हाई कोर्ट और चेन्नई हाई कोर्ट किए जाने की मांग की जा रही थी।
– इसकी वजह यह है कि फिलहाल ऐसा कोई कानून मौजूद नहीं है जिसके जरिए इन हाई कोर्ट्स के नाम में बदलाव किया जा सके।
– क्योंकि इंडियन हाई कोर्ट एक्ट, 1861 में सभी शक्तियां इंग्लैंड की रानी के अंडर में थीं।
– 1861 के इंडियन हाई कोर्ट रूल में इंग्लैंड की महारानी को ही कलकत्ता, मद्रास और बंबई हाई कोर्ट स्थापित करने के लेटर्स पेटेंट जारी करने के अधिकार दिए गए थे।
कलकत्ता हाई कोर्ट का नाम भी बदला
– रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में इंफॉर्मेशन देते हुए बताया कि कलकत्ता हाई कोर्ट नाम बदलकर कोलकाता हाई कोर्ट किया जाएगा।
– उन्होंने बताया कि कैबिनेट में इस पर भी चर्चा हो चुकी है।
– लेकिन सरकार की तरफ जारी की गई प्रेस रिलीज में बॉम्बे और मद्रास हाई कोर्ट के नाम का ही जिक्र था।
– बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट को देश का पहला हाई कोर्ट होने का सम्मान मिला हुआ है।
पहले प्रेसिडेंट की सलाह पर बदला जाना था नाम
– सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट के नाम बदले जाने के लिए पहले प्रेसिडेंट की सलाह लेने का प्लान किया था।
– इसके तहत प्रेसिडेंट किसी हाई कोर्ट का नाम बदलने के लिए उस स्टेट के गवर्नर, सीएम और चीफ जस्टिस से सलाह लेने के बाद नाम बदले जाने का एलान करते। हालांकि बाद में इस प्लान को खारिज कर दिया गया।
– इसके बाद सरकार ने मामला सामने आने के बेस पर नाम बदलने की ऐसी मांगों पर विचार करने का प्लान बनाया है।

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