कई अहम घोटाले की जांच की; सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ईडी में हुआ था स्थायीकरण;

लखनऊ। कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे सीनियर आइपीएस अफसर असीम अरुण के बाद एक अन्य पुलिस अधिकारी राजेश्वर सिंह का अगला ठिकाना भारतीय जनता पार्टी है। वीआरएस मंजूर होने के बाद राजेश्वर सिंह ने मंगलवार को ईडी के निदेशक तथा अन्य सहयोगियों से विदाई भी ले ली और अब भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने की तैयारी में हैं।
रक्तांचल 2 के ट्रेलर के साथ इसकी रिलीज डेट भी घोषित;
राजेश्वर सिंह बेहद दबंग और ईमानदार छवि के अफसर रहे है। वह 1996 में पीपीएस अधिकारी चुने गए थे। सीओ के पद पर रहते उनकी छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की बनी। लखनऊ के बाद प्रयागराज में उन्होंने अपराधियों पर नकेल डाली थी। बहनोई राजीव कृष्ण एडीजी आगरा जोन हैं। एक और बहनोई वाईपी सिंह आईपीएस रहे, उन्होंने भी वीआरएस लिया था। एक भाई और एक बहन आयकर में अधिकारी हैं।
कई अहम घोटाले की जांच की
पीपीएस अधिकारी रहे राजेश्वर सिंह ने इंटरनेट मीडिया पर अपने सेवाकाल का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि 24 वर्ष का कारवां एक पड़ाव पर आज रुका है। दस वर्ष यूपी पुलिस में नौकरी करने और 14 वर्ष ईडी में सेवा देने के बाद अब संन्यास ले रहा हूं। वह वर्ष 2007 में ईडी में प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। वहां उन्होंने कई अहम घोटाले की जांच की। इसमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील, एयरटेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट घोटाला आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि ईडी में तैनाती के दौरान घोटालेबाज नेताओं, नौकरशाहों, बाहुबलियों और माफिया से उनकी अवैध कमाई से अर्जित 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों को जब्त किया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ईडी में हुआ था स्थायीकरण
राजेश्वर सिंह पांच साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर प्रवर्तन निदेशालय गए थे। पहले उन्हें दो साल का विस्तार दिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ईडी में ही स्थायी हो गए। वर्तमान में वह बतौर संयुक्त निदेशक लखनऊ जोन का काम देख रहे थे। उन्होंने अपने संदेश में भाजपा के शीर्ष नेताओं का जिक्र करते हुए लिखा है कि भारत को विश्व शक्ति और विश्व गुरु बनाने का जो संकल्प लिया है, उसका मैं भी भागीदार बनना और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहता हूं।