उत्तर प्रदेश

एक गांव ऐसा जहां किसी ने नहीं लगवाया कोरोना का टीका

कासगंज. उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के एक गांव भरगैन के लोग भ्रांतियों के इस कदर शिकार हैं कि कोरोना महामारी के भयावह दौर में भी इस गांव के किसी व्यक्ति ने कोरोना की जांच नहीं कराई. इतना ही नहीं इस गांव का कोई भी व्यक्ति कोरोना का अब तक टीका लगवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कैंप में नहीं गया है. गांव की आबादी 30 हजार से अधिक है. आबादी वाले जहां समूची दुनिया कोरोना के कहर से कराह रही है, वहीं इस गांव में रहने वाले बाशिंदे इस बीमारी को महज एक अफवाह मानकर बैठे हैं. जिस दौर में सब जगह बेड और अस्पताल की कमी चल रही है, उस दौर में यहां के अस्पताल के गेट पर ताला लटका है.
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनिल कुमार का कहना है कि अभी बीते दिनों भरगैन में कोरोना की जांच और टीकाकरण को लेकर उन्होंने वहां की पंचायत अध्यक्षा व गांव के अन्य सभ्रांत नागरिकों के साथ एक बैठक का आयोजन किया था, लेकिन उन्होंने पहले किये गए प्रयास अब तक बेनतीजा नहीं रहे हैं. पटियाली क्षेत्र के चिकित्सा अधीक्षक विनोद शर्मा ने बताया कि भरगैन में टीकाकरण को लेकर उनकी टीमों में स्थानीय लोगों को टीका लगवाने के लिए मनाने की काफी कोशिश की गयी है. लेकिन तमाम मान मनौव्वल के बावजूद कोई भी टीका लगवाने को तैयार नहीं हुआ.
भरगैन स्वास्थय केंद्र की प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर शिवाश्री तिवारी बतातीं हैं कि इस स्वास्थय केंद्र पर कोई काम न होने के चलते उन्हें हाल ही में भरगैन से हटाकर कासगंज अटैच कर दिया गया है, अभी जब बीते दिनों हर गांव गली घर-घर लोग बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण का शिकार हो रहे थे, उस दौरान भी इस गांव का कोई भी व्यक्ति कोरोना की जांच कराने को तैयार नहीं हुआ, और अब टीका लगवाने के लिए भी लोग सामने नहीं आ रहे हैं. भरगैन के अधिशाषी अधिकारी कुलकमल सिंह ने बताया कि कोरोना जांच और टीकाकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से उन्होंने गली-गली मुनादी करवाई है, वहीं प्रशासन द्वारा नियुक्त निगरानी समितियां भी घर-घर जाकर लोगों को कोरोना जांच और टीकाकरण के लिए जागरूक कर रहीं हैं.
इस गांव से सम्बंधित अधिकतर फ्रंटलाइन वर्कर ने अपना टीकाकरण करा लिया है। वहीं भरगैन की पंचायत अध्यक्षा जैतून बानो के हवाले से उनके प्रतिनिधि पुत्र अहमद हुसैन ने बताया कि उनके गांव के जो पढ़े लिखे लोग गुजरात मुंबई या दिल्ली रहते हैं, उनके वहां जांच और टीकाकरण करने की जानकारी तो मिली है, लेकिन गांव में रहने वाले लोग अभी भ्रांतियों अफवाहों के शिकार बने हुयी हैं. कोरोना के दुष्प्रभावों व उससे बचाव को लेकर अभी भी लोगों को बेहतर तरीके से समझाने की जरुरत है. टीकाकरण की शुरुआत के लिए कासगंज स्वास्थय विभाग व जिलाप्रशासन को एक पहल और करनी है.

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