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इलाहाबाद HC ने यूपी में 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों का प्राइमरी स्कूल के सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजन रद्द कर दिया था।

लखनऊ.यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट के फैसले में कहा गया कि 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से समायोजित हुए 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्रों की असिस्टेंट टीचर के पद पर हुई नियुक्ति अवैध है। वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे। बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा। साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी। जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा। आगे क्वेशन-ऑन्सर में समझे पूरा मामला…
Q. शिक्षामित्रों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
A.1 लाख 72 हजार शिक्षामित्र में से 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्र जोकि असिस्टेंट टीचर के पद पर हैं, उन्हें असिस्टेंट टीचर के पद से हटा दिया गया है। ऐसे में ये दोबारा शिक्षामित्र बनेंगे या नहीं, यह फैसला कोर्ट ने सरकार पर छोड़ा है। जबकि 34 हजार शिक्षामित्र जिनका समायोजन नहीं हुआ था वह अपने पद पर बने रहेंगे।
Q. टीईटी पास असिस्टेंट टीचर जिनका समायोजन शिक्षामित्र से हुआ था, उनका क्या होगा?
A. 1 लाख 72 हजार में से लगभग 22 हजार असिस्टेंट टीचर टीईटी पास हैं, जिन्होंने समायोजन के बाद यह एग्जाम क्लियर किया है। इनके ऊपर भी यही फैसला लागू होगा। हालांकि, अब टीईटी की परीक्षा के बाद नियुक्ति में इन्हें वेटेज दिया जाएगा।
Q. कैंडिडेट 2 साल में टीईटी पास नहीं कर पाए तो क्या होगा?
A.अगर कैंडिडेट 2 साल में टीईटी नहीं पास कर पाए तो उनका समायोजन नहीं हो पाएगा।
Q. टीईटी के लिए क्या कोई उम्र सीमा भी निर्धारित की गई है?
A. इन शिक्षामित्रों को टीईटी प्रवेश परीक्षा के लिए उम्र सीमा में छूट दी गई है।
Q. अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज के लाभ का क्या मतलब है?
A. सरकार अपने स्तर से पॉलिसी बनाएगी। मान लीजिए, टीईटी आपने पास कर लिया, लेकिन नियुक्ति के समय में आपको वेटेज मिलेगा। जैसे अगर आपने 10 साल शिक्षामित्र के पद पर काम किया है तो आपको 2 नंबर मिलेंगे। इससे ज्यादा किया तो 5 नंबर मिलेंगे। इस तरह का वेटेज दिया जा सकता है। साथ ही अगर 1 लाख 72 हजार वाले शिक्षामित्र को 10 नंबर मिले और नए लड़के को 10 नंबर मिले तो भी सरकार चाहे तो फायदा दे सकती है, लेकिन आपको 9 नंबर मिले और नए कैंडिडेट को 10 मिले तो आपको फायदा नहीं मिलेगा। वेटेज की पॉलिसी आगे सरकार बनाएगी।
Q. क्या 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से समायोजित हुए 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्र अस्टिटेंट टीचर के पद पर बने रहेंगे?
A. नहीं, अब ये शिक्षामित्र की पोजिशन पर आ गए हैं, लेकिन यह शिक्षामित्र रहेंगे या नहीं, इसका फैसला यूपी सरकार करेगी।
A. नहीं, अब ये शिक्षामित्र की पोजिशन पर आ गए हैं, लेकिन यह शिक्षामित्र रहेंगे या नहीं, इसका फैसला यूपी सरकार करेगी।
Q. जिन्होंने टीईटी पास कर रखा है, उनके लिए कोई दिक्कत है?
A. टीईटी पास लगभग 22 हजार असिस्टेंट टीचर हैं। इन लोगों पर भी यही फैसला लागू होगा।
ये है मामला
– इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2017 को 1.72 लाख शिक्षामित्रों का असिस्टेंट टीचर्स के तौर पर समायोजन के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
– शिक्षामित्रों की ओर से ज्यादातर वकीलों का कहना था कि शिक्षामित्र कई साल से काम कर रहे हैं और अधर में लटके हैं। लिहाजा, मानवीय आधार पर असिस्टेंट टीचर्स के तौर पर शिक्षामित्रों के समायोजन को जारी रखा जाए।
– साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि वह संविधान के अनुच्छेद-142 का इस्तेमाल कर शिक्षामित्रों को राहत दे।
शिक्षामित्रों की तरफ से सलमान खुर्शीद ने रखा था पक्ष
– शिक्षामित्रों के वकील सलमान खुर्शीद ने कोर्ट से कहा था कि कोर्ट शिक्षामित्रों को न छेड़े। अगर जरूरी योग्यता की बात है (जैसे टीईटी) तो कोर्ट उन्हें उसे पूरा करने के लिए कुछ समय दे सकता है।
– कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करते समय बहुत से पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट ने दिया था ये जवाब
– मामले पर सुनवाई के दौरान शिक्षामित्रों के वकीलों ने कोर्ट से कहा था कि सहायक शिक्षकों के मामले में कोर्ट अप्वाइंट हो चुके शिक्षकों को ना छेड़े। उन लोगों के पास एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के अलावा 17 साल टीचिंग का एक्सपीरियंस भी है।
– इस पर दोनों जजों की बेंच ने कहा था कि नियम के दायरे में जो भी जरूरी कदम होगा, वही उठाया जाएगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
शिक्षामित्रों का रिएक्शन
– vicharsuchak.com ने कोर्ट का फैसला आने के बाद शिक्षामित्रों से बात की।
– लखनऊ के तेलीबाग के रहने वाले अबेशुद्दीन-हम शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुनाए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन ये फैसला सही नहीं है। कोर्ट ने असिस्टेंट टीचर बनने के लिए टीईटी को कम्पल्सरी करके ठीक नहीं किया है, क्योंकि इसी के खिलाफ हम पिछले 15 साल से लड़ाई लड़ रहे थे।
– लखनऊ के तेलीबाग के रहने वाले अबेशुद्दीन-हम शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुनाए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन ये फैसला सही नहीं है। कोर्ट ने असिस्टेंट टीचर बनने के लिए टीईटी को कम्पल्सरी करके ठीक नहीं किया है, क्योंकि इसी के खिलाफ हम पिछले 15 साल से लड़ाई लड़ रहे थे।
–लखनऊ के चिनहट निवासी कुलदीप- हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं। कोर्ट ने काफी सोच विचार के बाद सही निर्णय लिया है। जो टीचर्स पहले से टीईटी पास हैं, उनके लिए राहत की बात ये है कि उन्हें दोबारा से एग्जाम नहीं देना होगा। वहीं, जिन शिक्षामित्रों ने अभी तक टीईटी एग्जाम नहीं दिया है, उन्हें दो बार टीईटी देने का मौका मिलेगा। इससे सभी को बराबर का मौका मिलेगा।
– लखनऊ के बराबिरवां निवासी मुकेश- शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर कोर्ट का फैसला सही नहीं है। कोर्ट ने असिस्टेंट टीचर बनने के लिए टीईटी को अनिवार्य कर ठीक काम नहीं किया है। टीईटी की बाध्यता होने से शिक्षामित्रों के सामने असिस्टेंट टीचर बनना और मुश्किल होगा। कोर्ट को अपना फैसला वापस लेना चाहिए।
– लखनऊ के एपी सेन रोड निवासी कौशलेंद्र- शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर कोर्ट का फैसला बिल्कुल सही है। टीईटी की अनिवार्यता होने से केवल एलिजिबल कैंडिडेट्स को ही असिस्टेंट टीचर बनने का मौका मिलेगा। जो लोग एलिजिबिलिटी पूरी नहीं करते होंगे या किसी सोर्स से शिक्षामित्र बन गए होंगे, उन्हें असिस्टेंट टीचर बनने का मौका नहीं मिलेगा।
– लखनऊ के लालकुंआ के रहने वाले दिनेश कुमार- सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर एकदम सही डिसीजन लिया है। कोर्ट ने असिस्टेंट टीचर बनने के लिए शिक्षामित्रों को दो साल का मौका देकर अच्छा काम किया है। कोर्ट के फैसले का सभी शिक्षामित्रों को स्वागत करना चाहिए।