इजरायल( Israel ) और ईरान के बीच सुलह करवा सकता है संयुक्त अरब अमीरात

नई दिल्ली:2020 में जब इजरायल ( Israel ) और संयुक्त अरब अमीरात ने अब्राहम समझौता किया तो ईरान ने UAE को जमकर लताड़ते हुए इसे खतरनाक कदम बताया था और इसे फिलिस्तीनियों के लिए भी खतरा बताया था। ईरानी विदेश मंत्रालय ने इसे रणनीतिक मूर्खता और फिलिस्तीनियों के पीठ में छुरा घोंपने जैसा बताया और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इसे ऐतिहासिक मूर्खता बताया।
ईरान के लिए यह समझौता कई दिक्कतें लेकर आया। बहरीन, सूडान और मोरक्को जैसे देश अरब देशों ने भी इजरायल के साथ समझौता कर लिया। कई एक्सपर्ट्स ने बताया मिडिल ईस्ट में तेहरान को कमजोर करने के लिए इजरायल कई देशों से गठजोड़ कर रहा है। ईरान को ऐसा लगने लगा कि इजरायल, सऊदी अरब, UAE जैसे देश ईरान को दुश्मन के तौर पर देखते हैं। लेकिन इस सबके बावजूद एक्सपर्ट्स मानते हैं कि UAE के ईरान से अलग तरह के संबंध हैं।
UAE और ईरान के बीच भी हैं कई विवाद
UAE और ईरान के बीच कई विवाद हैं। इसमें तीन द्वीप को लेकर दोनों देशों के अपने दावे और यमन में मतभेद प्रमुख कारण हैं। लेकिन इस सबके इतर दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध फल-फूल रहे हैं। UAE मिडिल ईस्ट का सबसे बड़ा ट्रेड, टूरिज्म और इन्वेस्टमेंट का सेंटर बना हुआ है। लेकिन UAE आश्वस्त नहीं है कि ईरान के साथ सैन्य टकराव की स्थिति में अमेरिका उसका साथ देगा या नहीं।
UAE और सऊदी अरब ईरान द्वारा रियाद के तेल टैंकर पर हमलों के बाद बातचीत में लगे हुए हैं। 28 अप्रैल 2021 को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने यहां तक कहा कि सऊदी ईरान के साथ एक अच्छे और सकारात्मक संबंध की मांग कर रहा है।
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ रहा टकराव
अब इजरायल की बात। ईरान और इजरायल एक-दूसरे को खतरे के तौर पर देखते हैं। दोनों देश सीधे युद्ध नहीं लड़ रहे हैं लेकिन सालों से प्रॉक्सी युद्ध लड़ रहे हैं। जब तक ईरान किसी परमाणु समझौते के करीब नहीं पहुंच जाता तब तक UAE और इजरायल ईरान एक खिलाफ खुले तौर पर आगे नहीं बढ़ सकते।
UAE ऐसे वक्त में ईरान से तनाव कम करने की कोशिश कर रहा है जब सीरिया में ईरान के खिलाफ इजरायल की सैन्य गतिविधियां जारी हैं। ईरान ने IRGC के दो सदस्यों की हत्या का आरोप इजरायल पर लगाया है। इसके साथ ही ईरान ने कुर्दिस्तान क्षेत्र में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के एक्टिव होने का आरोप लगाया है। ऐसे हालात में दोनों देश कभी भी सीधे टकराव की स्थिति में पहुंच सकते हैं।
अगला मिस्र हो सकता है UAE?
ईरान और इजरायल के बीच बिगड़ते संबंध से UAE को बहुत नुकसान हो सकता है। ऐसे हालात में दोनों देशों के बीच एक अप्रत्यक्ष चैनल की जरूरत है और एक्सपर्ट्स मानते हैं कि UAE वह चैनल हो सकता है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इजरायल ने जैसे मिस्र के जरिए गाजा पट्टी में हमास के साथ संबंध बनाए हैं वह एक उदाहरण है। हालांकि हमास ने इजरायल के अस्तित्व को खारिज कर दिया है और इजरायल हमास को एक आतंकवादी संगठन के तौर मानता है। लेकिन इस सबके बावजूद मिस्र चैनल के कारण कई बार दोनों पक्षों के बीच संघर्ष रोके जा सके हैं।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अरब देशों को इजरायल और ईरान के बीच बातचीत का चैनल बनाना चाहिए और UAE इसके लिए सबसे उपयुक्त हो सकता है। हालांकि यह आसान नहीं होगा लेकिन क्षेत्रीय मसलों को हल करने के लिए बेहद जरूरी है।