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आर्मी ने बुलाई नवाज कैबिनेट की मीटिंग, मोदी की US विजिट से घबराया PAK

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की आर्मी ने अपने हेडक्वार्टर्स में नवाज कैबिनेट की मीटिंग ही बुला ली। इसमें खुद नवाज शरीफ और उनके इंटीरियर मिनिस्टर को छोड़कर सारे मंत्री मौजूद थे। इसमें फॉरेन और सिक्युरिटी रिलेटेड पॉलिसीज पर बातचीत हुई। दरअसल, पाकिस्तान की फौज नवाज शरीफ की फॉरेन पॉलिसी से नाराज है। यह नाराजगी तब और बढ़ गई जब हाल ही में नरेंद्र मोदी ने यूएस समेत 5 देशों का दौरा कर एनएसजी के लिए सपोर्ट हासिल कर लिया, जबकि पाकिस्तान इस मामले में कुछ नहीं कर पाया। रावलपिंडी की गैरिसन सिटी में बुलाई थी मीटिंग…
– मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले हफ्ते रावलपिंडी की गैरिसन सिटी में पाकिस्तान कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई थी।
– ये मीटिंग मिलिट्री के जनरल हेडक्वार्टर्स (GHQ) में ऑर्गनाइज की गई थी।
– मीटिंग में आर्मी के आला अफसर भी शामिल थे।
– पाकिस्तान के मीडिया के मुताबिक, इस मीटिंग का मकसद सरकारी फैसलों में मिलिट्री के दबदबे को दिखाना था।
– मीटिंग में फॉरेन और सिक्युरिटी रिलेटेड पॉलिसीज को डिस्कस किया गया।
क्या चल रहा है पाक की फॉरेन पॉलिसी में?
– रिपोर्ट्स की मानें तो फॉरेन रिलेशंस को लेकर भी पाकिस्तान की हालत अच्छी नहीं है।
– पठानकोट हमले के बाद से भारत के साथ उसके डिप्लोमैटिक रिलेशंस में तनाव चल ही रहा है।
– न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) मेंबरशिप को लेकर अमेरिका भी खुले तौर पर भारत के सपोर्ट में है।
– एनएसजी मेंबरशिप को लेकर पाकिस्तान ने चीन से सपोर्ट मांगा था। इस मुद्दे पर सपोर्ट के लिए अमेरिका में पाक एम्बेसडर ने ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन को लेटर भी लिखा था।
– पाक की मेंबरशिप को लेकर अमेरिका का कोई पॉजिटिव रवैया देखने को नहीं मिला।
– अफगानिस्तान-ईरान की तरफ से भी पाकिस्तान का टेंशन बढ़ रहा है।
पाक में भारत के बढ़ते असर की चर्चा
– हाल ही में नरेंद्र मोदी ने अमेरिका समेत 5 देशों की विजिट की थी।
– पाकिस्तान में भारत और उसकी विदेश नीति के बढ़ते असर को लेकर काफी चर्चा है।
– वहीं मिलिट्री के अफसर पाक फॉरेन पॉलिसी को ‘फेल’ बता रहे हैं।
– पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML) के सीनियर लीडर के मुताबिक, ‘शरीफ ने हमेशा फॉरेन पॉलिसी में आर्मी की दखलअंदाजी को कम करने की कोशिश की है लेकिन उल्टे उन पर प्रेशर बढ़ता चला गया।’
मिलिट्री के बढ़ते दबाव से सरकार का इनकार
– मीडिया में पाक आर्मी के सरकार पर दबाव बनाने की खबरों के चलते नेताओं को क्रिटिसाइज किया जा रहा है।
– हालांकि इस मुद्दे पर नवाज के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने पार्लियामेंट में कहा, ‘ये कहना गलत है कि मिलिट्री देश की फॉरेन पॉलिसी को चला रही है।’
– ‘बीते सालों से हम आर्मी से भारत के साथ डिस्प्यूट्स पर तमाम इनपुट्स लेते रहे हैं।’
क्या कहना है पाकिस्तान के अपोजिशन का?
– इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के नेता अली मुहम्मद खान के मुताबिक, ‘राजनेताओं की अकाउंटेबिलिटी जनता के लिए होती है।’
– ‘अगर मिलिट्री की सरकार में एंट्री होती है तो किसी को भी सवाल पूछने का हक नहीं रह जाएगा।’
– मुहम्मद खान ने कहा, ‘मैं सभी पॉलिटीशियंस से अपील करता हूं कि वे जनता का भरोसा कायम रखें, क्योंकि उन्होंने ही हमें पॉलिसी बनाने के लिए चुना है।’
– पाक के एक एनालिस्ट अमीर मतीन के मुताबिक, ‘मिलिट्री को अहम मुद्दों मसलन नेशनल सिक्युरिटी पर अपनी राय देनी चाहिए लेकिन फॉरेन पॉलिसी पर फैसले इस्लामाबाद में ही होने चाहिए, रावलपिंडी में नहीं।’

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