आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को बनाया सीएम, तो क्या पंजाब चुनाव 2022 में भी कायम रहेगी मालवा की सरदारी
चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को सीएम फेस घोषित कर दिया है। वह संगरूर जिले से हैं और इस बार संगरूर जिले की सीट धूरी से चुनाव मैदान में उतरेंगे। अगर आम आदमी पार्टी सत्ता तक पहुंचती है तो एक बार फिर से पंजाब को मालवा क्षेत्र से ही नया सीएम मिल सकता है। आम आदमी पार्टी के अलावा शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठजोड़ की ओर से भी सुखबीर बादल का नाम लगभग स्पष्ट ही है कि वह गठजोड़ के उम्मीदवार हैं। अगर पार्टी प्रकाश सिंह बादल पर ही दांव खेलती है तो भी मुख्यमंत्री पद मालवा के हिस्से ही आएगा।
इसी तरह कांग्रेस पार्टी ने भी लगभग यह
मन बना लिया है कि वह चरणजीत सिंह चन्नी को ही मुख्यमंत्री के रूप में पेश करेंगे। पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी का कहना है कि पार्टी चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ के संयुक्त नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। यानी पार्टी ने दो उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी और सुनील जाखड़ का नाम मालवा से दिया है, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू माझा से मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे।
तीसरी लहर तक 72 फीसदी का टीकाकरण पूरा
भारतीय जनता पार्टी-पंजाब लोक कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल संयुक्त की ओर से अभी कोई चेहरा आगे नहीं किया गया है, लेकिन गठजोड़ के पास कैप्टन अमरिंदर सिंह के रूप में चेहरा है जो मालवा से ही आता है। इसी तरह 22 किसान संगठनों के दल संयुक्त समाज मोर्चा ने भी अभी किसी को अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन उनके पास भी एकमात्र चेहरा बलबीर सिंह राजेवाल ही हैं। राजेवाल का संबंध भी मालवा के समराला इलाके से है।
पंजाब प्रमुख रूप से तीन क्षेत्रों में बंटा हुआ है। सतलुज नदी से बाएं हाथ की ओर जो एरिया है वह मालवा में आता है। हालांकि मोहाली और रोपड़ के क्षेत्र पुआध में आते हैं, लेकिन पुआध क्षेत्र गौण है। प्रमुख तौर पर मालवा का एरिया ही है जिसमें 72 सीटें आती हैं। दोआबा में और सतलुज और ब्यास दरिया के बीच का हिस्सा दोआबा में आता है। दोआबा, यानी दो नदियों के बीच का हिस्सा।
इस क्षेत्र में बीस सीटें आती हैं। ब्यास से पार का हिस्सा माझा का क्षेत्र है, जहां की 25 सीटें हैं। सबसे बड़ा होने के कारण ही मालवा सबसे अहम स्थान रखता है। साल 1966 में हरियाणा से अलग होने के बाद से अब तक पंजाब में कुल 18 मुख्यमंत्री बन चुके हैं। इनमें से 17 का संबंध मालवा क्षेत्र से रहा है।