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आजम खान काे संसदीय मंत्री के पद से हटाया जाए- राम नाईक ने CM से कहा
गाजियाबाद. गवर्नर राम नाईक ने अखिलेश यादव से आजम खान काे संसदीय मंत्री पद से हटाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा स्पीकर की भेजी सीडी में काट-छांट की गई है। 60 में 20 लाइनें काटी गई हैं। हालांकि, असेम्बली में अपने खिलाफ आजम के बयान से नाराज नाईक ने अखिलेश यादव से वार्ता को स्वीकार कर लिया है। विधानसभा स्पीकर को लेकर गवर्नर ने जताई थी नाराजगी…
– बीते 25 मार्च को आजम खान की विधानसभा में की गई टिप्पणी के मामले में राम नाईक ने स्पीकर माता प्रसाद पांडेय के बयान को लेकर नाराजगी जताई थी।
– उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए माता प्रसाद को राजभवन बुलाया था।
– नाईक ने स्पीकर को लेटर भेजकर संसदीय कार्यमंत्री के रूप में आजम की योग्यता पर सवाल उठाए थे।
– बता दें, राम नाईक ने विधानसभा स्पीकर को लेटर लिखकर सदन की कार्यवाही की ऑडियो-वीडियो सीडी मांगी थी।
गवर्नर के लेटर में क्या लिखा था?
– उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2015 और उत्तर प्रदेश नगरपालिका विधि (संशोधन) विधेयक, 2015 को लेकर आजम खान सहित कतिपय सदस्यों ने भी अपने-अपने अभिमत व्यक्त किए हैं।
– वे उनका श्रवण/अवलोकन करना चाहते हैं।
आजम ने क्या की थी टिप्पणी?
– दरअसल, आजम ने विधानसभा में यूपी नगर निगम संशोधित विधेयक 2015 को राजभवन में रोके जाने का मुद्दा उठाया था।
– आरोप लगाया था कि एक पार्टी की वजह से इस विधेयक को राजभवन से मंजूरी नहीं मिल पा रही है।
– पिछले एक साल से विधेयक राजभवन की मंजूरी के लिए फंसा पड़ा है।
– बीजेपी के बेईमान मेयरों को बचाने के लिए विधेयक पर साइन नहीं किए जा रहे हैं।
– इस विधेयक में प्रदेश के मेयरों को भ्रष्टाचार और अन्य गलतियों पर दंडित करने का प्राविधान है।
– आजम ने कहा था कि यह तय होना चाहिए कि राजभवन किसी विधेयक को कितने दिन तक रोके रख सकता है।
– आरोप लगाया था कि एक पार्टी की वजह से इस विधेयक को राजभवन से मंजूरी नहीं मिल पा रही है।
– पिछले एक साल से विधेयक राजभवन की मंजूरी के लिए फंसा पड़ा है।
– बीजेपी के बेईमान मेयरों को बचाने के लिए विधेयक पर साइन नहीं किए जा रहे हैं।
– इस विधेयक में प्रदेश के मेयरों को भ्रष्टाचार और अन्य गलतियों पर दंडित करने का प्राविधान है।
– आजम ने कहा था कि यह तय होना चाहिए कि राजभवन किसी विधेयक को कितने दिन तक रोके रख सकता है।