अफगानिस्तान में सरकार गठन को लेकर छिड़ी लड़ाई अब्दुल गनी बरादर घायल

काबुल. अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को गए पांच दिन बीत गए हैं, लेकिन अभी तक तालिबान ने नई सरकार का गठन नहीं किया है. कहा जा रहा है तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के नेता आपस में ही सत्ता में भागीदारी के लिए लड़ रहे हैं. खबर है कि तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर और हक्कानी गुट के बीच गोलीबारी हुई है. अफगानिस्तान के अखबार पंजशीर ऑब्जर्वर के मुताबिक अनस हक्कानी की तरफ से गोली चलाई गई, जिसमें मुल्ला बरादर घायल हो गए. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि बरादर का इस समय पाकिस्तान में इलाज चल रहा है. हालांकि फिलहाल इन तथ्यों की पुष्टि नहीं की जा सकी है.
इस बीच सत्ता को लेकर चल रही अनबन को देखते हुए पाकिस्तान ने अपने आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद को काबुल भेजा है. दावा किया जा रहा है कि उन्हें झगड़े को शांत कराने के लिए वहां भेजा गया है. कहा जा रहा है कि हक्कानी नेटवर्क ने रक्षामंत्री का पद मांगा है. बता दें कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस आईएसआई हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख संरक्षक है. इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र ने अल-कायदा से करीबी रिश्ते रखने के चलते आतंकवादी ग्रुप की श्रेणी में रखा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फैज हमीद की काबुल यात्रा का मुख्य मकसद मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, क्वेटा शूरा के मुल्ला याकूब, मुल्ला उमर के सबसे बड़े बेटे और हक्कानी नेटवर्क के बीच मतभेदों को हल करना है. इस बीच ईरानी पत्रकार तजुदेन सोरौश के मुताबिक तालिबान गुटों के बीच गहरी दरार सामने आई है जिससे उसकी सरकार के गठन में देरी हो रही है. इससे पहले ये बताया गया था कि मुल्ला बरादर तालिबान सरकार का नेतृत्व करेंगे. लेकिन अब मुल्ला बरादर गुट और हक्कानी नेटवर्क के बीच तनाव के चलते इसमें देरी हो रही है.
कहा जा रहा है कि आईएसआई अफगानिस्तान में अपने हिसाब से सरकार गठन करना चाहता है. कट्टरपंथी इस्लामी समूह ईरान के मॉडल के आधार पर एक सरकार बनाने की योजना बना रहा है. एक इस्लामी गणराज्य में सर्वोच्च नेता राज्य का मुखिया होता है और राष्ट्रपति के ऊपर सर्वोच्च रैंकिंग राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकरण का होता है.