अंतराष्ट्रीय

अफगानिस्तान में रोटी के लिए हाहाकार

काबुल: अफगानिस्तानसे अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से देश में तालिबान) का राज स्थापित है. तालिाबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान के हालात बदतर बने हुए हैं. हर तरफ गरीबी छाई हुई है और नौकरियां पूरी तरह से खत्म हो गई है. आलम यह है कि अब पेट की भूख मिटाने के लिए लोगों को फ्री रोटी पाने के लिए लंबी लंबी कतारे लगानी पड़ रही हैं.

देश के अन्य हिस्सों की क्या ही बात की जाए जब खुद राजधानी काबुल को गरीबी,दहशत, भुखमरी, बेरोजगारी ने अपने पंजे में जकड़ रखा है. काबुल में रहने वाली एक महिला भीषण ठंड में हर दिन एक बेकरी की दुकान में फ्री में मामूली नान ब्रेड पाने के लिए कई घंटे का इंतजार करती है.

महिला नेबताया कि कुछ दिन बात लोग जो अपनी भीख मिटान के लिए नॉन ब्रेड लेने के लिए लाइन में खड़े हैं यही उसका परिवार हो जाएगा. उसने कहा कि कुछ दिन में परिवार के सभी सद्स्यों में यहां लगना होगा. महिला ने कहा कि अगर हम यहां से रोटी न लें तो हमें भूखा ही सोना पड़ेगा

महिला ने कहा कि हमारे हालात इस कदर खराब हैं कि मैंने कई बार अपनी बेटियों को बेचने के बारे में सोचा लेकिन फिर मैं भगवान पर भोरास करके पीछे हट गई. उसने कहा कि कई बार तो ऐसा भी होता है कि हमें कई घंटों तक इंतजार में खड़े होने के बावजूद रोटी नहीं मिल पाती.
आपको बता दें कि अफगानिस्तान प्राकृतिक नहीं बल्कि मानवीय आपदा की मार झेल रहा है. पिछले साल तालिबान के कब्जे के बाद से हालात दिन पर दिन बिगड़ते चले जा रहे हैं. काबुल में कब्जे के बाद तालिबान ने वादा किया था कि वह एक ऐसी सरकार देश में स्थापित करेगा जिससे लोगों का विकास और फायदा होगा. लेकिन दिन बीतने साथ तालिबान ने अपना वही रूप दिखाया जिसे लेकर लोग डरे हुए थे. अफगानिस्तान के हालात पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि करीब आधे देश में भोजन की कमी का खतरा पैदा हो सकता है
काबुल में बिगड़ती खाद्य संकट के बीच काबुल विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर शनिवार से Save Afghans From Hunger नामक अभियान चलाया है. इस अभियान के तहत भूखे लोगों को फ्री में रोटी का वितरण किया जा रहा है. इस फ्री की रोटी को पाने के लिए लंबी कतारें लग रही हैं. इस अभियान में राजधानी के करीब 75 परिवार कों एक महीने का दैनिक नान राशन मिलेगा.

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