अंतराष्ट्रीय

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने देश में जारी हिंसा को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा.

काबुल. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में शुक्रवार को एक क्षेत्रीय सम्मेलन में पाकिस्तानी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस्लामाबाद अफगानिस्तान में हिंसा को हवा दे रहा है. उन्होंने इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार पर अफगान शांति वार्ता के लिए तालिबान पर दबाव नहीं डालने का आरोप भी लगाया. गनी ने कहा कि पिछले महीने पाकिस्तान से 10 हजार से ज्यादा जिहादी लड़ाके सीमा पार कर उनके देश में दाखिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि अफगान बलों से झड़प के दौरान घायल हुए तालिबान आतंकवादियों का पाकिस्तान के अस्पतालों में इलाज होता है.

इससे पहले बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया था, ‘पाकिस्तानी वायुसेना ने अफगान सेना और वायुसेना को (एक) आधिकारिक चेतावनी दी है कि स्पिन बोलडाक इलाके से तालिबान को खदेड़ने के किसी भी कदम का सामना पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा किया जाएगा और उसे कुचला जाएगा. पाकिस्तानी वायुसेना कुछ इलाकों में तालिबान को हवाई मदद मुहैया करा रही है.’ पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने आरोपों को सिरे से खारिज किया था. विदेश कार्यालय ने कहा, ‘हम अफगानिस्तान में शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं और ध्यान भटकाए जाने के बावजूद इसके लिए प्रयास जारी रखेंगे.’

गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से कंधार के स्पिन बोलडाक कस्बे में तालिबान और अफगान सुरक्षाबलों के बीच भीषण लड़ाई छिड़ी हुई है. तालिबान आतंकवादियों ने हाल के सप्ताहों में दर्जनों जिलों पर कब्जा कर लिया है और अब माना जा रहा है कि 11 सितंबर को अफगानिस्तान से अमेरिकी और पश्चिमी सैनिकों की पूर्ण वापसी से पहले देश के करीब एक तिहाई हिस्से पर उनका नियंत्रण है.

अफगानिस्तान में शांति को लेकर पाकिस्तान की मेजबानी में शनिवार से होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन को ईद-उल-अजहा तक टाल दिया गया है. यह घोषणा ऐसे समय हुई है जब युद्धग्रस्त देश में हिंसा बढ़ रही है और तालिबान आतंकवादियों को समर्थन पर काबुल व इस्लामाबाद में बयानबाजी बढ़ी है. सम्मेलन इस्लामाबाद में 17 से 19 जुलाई तक होना था और इसमें अफगानिस्तान के कई उच्च पदस्थ नेताओं को हिस्सा लेना था. तालिबान नेताओं को इसमें आमंत्रित नहीं किया गया था.

पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘इस्लामाबाद में 17 से 19 जुलाई 2021 को निर्धारित अफगान शांति सम्मेलन को ईद-उल-अजहा तक स्थगित किया जाता है। सम्मेलन के लिए नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.’ इस साल ईद-उल-अजहा 21 जुलाई को मनाई जाएगी. सम्मेलन को टाले जाने की घोषणा ऐसे वक्त हुई है जब विदेश कार्यालय ने एक अन्य बयान में अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह की उस टिप्पणी को खारिज कर दिया कि पाकिस्तानी वायुसेना चमन और स्पिन बोलडाक के सीमावर्ती इलाकों में तालिबान आतंकवादियों की मदद कर रही है.

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