धर्म - अध्यात्म

अगले जन्‍म में पुरुष बनेंगे या महिला

नई दिल्‍ली: अगले और पिछले जन्‍म के बारे में जानने की उत्‍सुकता अधिकांश लोगों में होती है. इसे जानने के कुछ तरीके धर्म-पुराणों में बताए भी गए हैं. महापुराण गरुड़ पुराण की ही बात करें तो इसमें मनुष्‍य के हर कर्म का लेखा-जोखा दिया गया है जो न केवल उसके पाप-पुण्‍य का निर्धारण करते हैं, बल्कि मरने के बाद मिलने वाली सजा और अगले जन्‍म की योनि तक के बारे में बताते हैं.

आमतौर पर अगले जन्‍म को लेकर लोगों के मन में यह जानने की जिज्ञासा होती है कि वे किस योनि में जन्‍म लेंगे. यानी कि मनुष्‍य बनेंगे या पशु, कीड़े-मकोड़े. यदि इंसान बनेंगे तो महिला के रूप में जन्‍म लेंगे या पुरुष के रूप में. इस बारे में गरुड़ पुराण में बताया गया है.
– यदि पुरुष अक्‍सर महिला की तरह व्‍यवहार करे. ऐसा आचरण करे जो महिलाओं को करना चाहिए तो पुरुष की आत्‍मा अगले जन्‍म में महिला के रूप में जन्‍म लेती है.- इसी तरह मरते समय व्‍यक्ति की आसक्ति किस चीज में है, यह भी उसके पाप-पुण्‍य, स्‍वर्ग-नर्क के साथ-साथ अगले जन्‍म की योनि का भी निर्धारण करती है. यदि किसी पुरुष की मरते समय आसक्ति किसी महिला में है, तो वह अगले जन्‍म महिला के रूप में पैदा होता है. इसलिए धर्म-पुराणों में मरते समय भगवान का नाम जपने की सलाह दी जाती है, ताकि व्‍यक्ति जन्‍म-मरण के इस चक्र से ही बाहर निकल जाए और भगवान के चरणों में स्‍थान पाए.

– इतना ही नहीं यदि कोई व्‍यक्ति चाहे वह महिला हो या पुरुष, वह पशुवत व्‍यवहार करे तो वह अगले जन्‍म में जानवर के रूप में जन्‍म लेता है. पशुवत व्‍यवहार से मतलब है ऐसी चीजों का सेवन करना जो पशु करते हैं, या पशुओं की तरह आचार-व्‍यवहार करना.

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