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इंटर पास ब्यक्ति ने बनाया देशी जुगाड़ से सबसे सस्ता ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर

श्रीनगर: ऐसे समय में जब कोरोना वायरस की वजह से देश में हजारों मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत बनी हुई है. तब कश्मीर में एक व्यक्ति के आविष्कार ने उम्मीद की किरण दिखाई है.
जानकारी के मुताबिक उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा जिले के रहने वाले मुहम्मद इस्माइल जमील पिछले कई महीनों से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के प्रोटोटाइप पर काम कर रहे थे. कई देशी जुगाड़ का इस्तेमाल करके अब उन्होंने यह प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है. वे चाहते हैं कि अब मेडिकल एक्सपर्ट उनके इस प्रोटोटाइप को चेक करें और सब कुछ सही मिले तो देश में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए इस अविष्कार को अपनाया जाए.

मुहम्मद इस्माइल जमील कहते हैं, ‘मैंने इस ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को बनाया क्योंकि कोविड के कारण इसकी भारी मांग है. हमें कोरोना से निपटने के लिए पूर्व योजना बनाने की जरूरत है. फिलहाल हमारी तैयारियां पूरी नहीं हैं. इसलिए मैंने सोचा कि जब इसे चीन से आयात किया जाता है तो उसमें बहुत समय लग रहा है. इसलिए क्यों न खुद अपने स्तर पर कुछ करने की कोशिश की जाए.’
जमील ने कहा कि का कहना है कि उसका प्रोटोटाइप बाजार में उपलब्ध चीजों का एक सस्ता संस्करण है. उनका कहना है कि अगर इस प्रोटोटाइप को मंजूर करके आगे बढ़ाया जाता है तो यह सस्ता होगा. ऐसा होने पर बाजार में सस्ते कंसेंट्रेटर ढूंढने वाले गरीब लोग भी इसे खरीद सकेंगे. इससे कोरोना मरीजों की जान बचाने में भी मदद मिलेगी.
बताते चलें कि जमील इंटर पास हैं. उन्होंने 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी लेकिन उनके अंदर का वैज्ञानिक शांत नहीं हुआ. वे पढ़ाई छोड़ने के बाद भी लगातार नए-नए आविष्कार करते आ रहे हैं. उन्होंने महामारी के समय एक कीटाणुनाशक टनल बनाई थी. इसके बाद उन्होंने एक टचलेस सैनिटाइजिंग मशीन और एक वेंटिलेटर भी बनाया.
जमील का कहना है कि यह प्रोटोटाइप बनाने में सरकार ने उनकी उतनी मदद नहीं की है, जितने की वे हकदार हैं. अब उनके दोस्तों के समूह ने उनके घर पर 5 लाख रूपये की एक प्रयोगशाला स्थापित करने का फैसला किया है. जिससे उन्हें उम्मीद जगी है कि वे और कई नए अविष्कार कर सकेंगे.

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