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जननी सुरक्षा योजना का लाभ 48 घंटे में कराया जाये उपलब्ध, डिस्चार्ज होने पर ड्रॉप-बैक की सुविधा करायी जाये मुहैया-जिलाधिकारी !
मैनपुरी – जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की माह जून की समीक्षा के दौरान प्र. चिकित्साधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आम-जन के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें, स्वास्थ्य विभाग की संचालित योजनाओं के साथ-साथ मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएं, सभी लक्षित बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव हेतु पूर्ण रूप से टीकाकरण कर प्रतिरक्षित किया जाए।
उन्होंने नियमित टीकाकरण की समीक्षा के दौरान कहा कि गर्भवती महिलाओं, लक्षित बच्चों के टीकाकरण में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किशनी, करहल मानपुरहरी, कुचेला की प्रगति खराब है, संबंधित प्र. चिकित्साधिकारी नेतृत्व देकर अवशेष गर्भवती महिलाओं, बच्चों का माह के अंत तक टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कहा कि पुरुष-महिला नसबंदी की प्रगति भी संतोषजनक नहीं है, लगभग 06 माह समाप्त होने के पश्चात भी महिला नसबंदी के वार्षिक लक्ष्य 1282 के सापेक्ष मात्र 12 की पूर्ति की गई है जबकि पुरुष नसबंदी के लक्ष्य 21 के सापेक्ष अभी तक एक भी नसबंदी नहीं की गई है।
श्री सिंह ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि बार-बार निर्देशों के बाद भी आशा, संगिनी के मानदेय के भुगतान, प्रसुताओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ उपलब्ध कराये जाने में विलंब किया जा रहा है, जननी सुरक्षा योजना के भुगतान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जागीर, सुल्तानगंज, आशाओं के भुगतान में बरनाहल की प्रगति निराशाजनक है, प्र. चिकित्साधिकारी बरनाहल, जागीर, सुल्तानगंज व्यक्तिगत रुचि लेकर जननी सुरक्षा योजना, आशाओं के मानदेय के भुगतान की प्रगति सुधारें। उन्होंने समीक्षा के दौरान पाया कि संस्थागत प्रसव के वार्षिक लक्ष्य 23940 के सापेक्ष अब तक 3359 की प्राप्ति की गयी है, जिसमें से 3044 प्रसूताओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ प्रदान किया गया है, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करहल, जागीर, सुल्तानगंज में जे.एस.वाई. भुगतान की प्रगति खराब है। उन्होने प्र. चिकित्साधिकारियों को आदेशित करते हुये कहा कि डिस्चार्ज होने के समय ही प्रसूताओं को योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाये, उन्हें 102 एम्बुलेंस से ड्रॉप-बैक की सुविधा मुहैया करायी जाये, गुणवत्तापूर्ण नाश्ता, दोपहर-शाम का खाना मीनू के अनुसार समय से उपलब्ध कराया जाये।
जिलाधिकारी ने पी.सी.पी.एन.डी.टी. की समीक्षा के दौरान नोडल अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर की नियमित रूप से गहनता से जांच कराई जाए, अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों से मानकों, नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए, संचालित अल्ट्रासाउण्ड सेंटर की जॉच में खानापूर्ति न की जाये, मानकों, नियमों का पालन न करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये। उन्होंने क्षय रोग उन्मूलन की समीक्षा के दौरान पाया कि रोगियों के चिन्हांकन, चिन्हित रोगियों को सेवाएं, लाभ उपलब्ध कराने में जनपद मंडल में शीर्ष पर एवं प्रदेश में 17-वें स्थान पर है।
श्री सिंह ने वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव हेतु 01 जुलाई से संचालित विशेष संचारी अभियान एवं 11 जुलाई से संचालित दस्तक अभियान के अंतर्गत की गयी कार्यवाही की समीक्षा के दौरान कहा कि किशनी, मैनपुरी अर्बन, बेवर में स्कूली बच्चों को वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव हेतु जागरूक करने में शिथिलता बरती गई है, विकास खंड घिरोर, बेवर में शौचालयों का प्रयोग कम किया जा रहा है, कुछ ग्रामों में जल निकासी में प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि शेष 10 दिनों में प्रभावी कार्यवाही करें ताकि कोई भी व्यक्ति वेक्टर जनित बीमारियों की चपेट में न आए। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में जल-भराव की समस्या रहेगी, अधिशासी अधिकारी नगर निकाय, खंड विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी विशेषतौर पर जल निकासी के बेहतर प्रबंध करायें, जल-भराव के कारण मच्छर पनपने की संभावनाएं बनी रहेगीं।
इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, मुख्य चिकित्साधीक्षक मदनलाल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अनिल वर्मा, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुरेन्द्र कुमार, डा. आशुतोष कुमार, डा. आर.के. शुक्ला, डब्ल्यू.एच.ओ. से डॉ. वी.पी. सिंह, यूनिसेफ से संजीव पांडेय, जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी दीपिका गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी हृदय नारायण, बाल विकास परियोजना अधिकारी हरिओम बाजपेयी, डी.पी.एम. संजीव पांडेय, प्र. चिकित्साधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।