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16 साल बाद भारतीय को कमान, पर सिर्फ 12 महीने के लिए: कुंबले बने कोच

धर्मशाला.अनिल कुंबले को टीम इंडिया का नया हेड कोच बनाया गया है। बीसीसीआई प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को धर्मशाला में इसका एलान किया। यहां बोर्ड की कॉनक्लेव के बाद ठाकुर ने कहा, ”सचिन, सौरव और लक्ष्मण जैसे ग्रेट प्लेयर्स ने कुछ नाम बीसीसीआई को सुझाए थे। फिर डिस्कशन हुआ। तय हुआ कि अगले एक साल के लिए अनिल कुंबले हेड कोच होंगे। बॉलिंग-बैटिंग और दूसरे कोच पर अनाउंसमेंट एक हफ्ते के अंदर होगा।” बता दें कि 16 साल बाद कोई भारतीय टीम इंडिया का कोच बना है। 1999-2000 में कपिल देव कोच थे। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी बॉलर को ये जिम्मेदारी मिली है। कुछ ऐसा है कुंबले का रिकॉर्ड…
– कुंबले के 132 टेस्ट में 619 विकेट, 271 वनडे में 337 विकेट हैं। वे भारत के सबसे कामयाब बॉलर हैं।
– 45 साल उम्र के कुंबले इंटरनेशनल क्रिकेट के मौजूदा दबाव से वाकिफ हैं। 2010 में आईपीएल भी में खेल चुके हैं।
– मुंबई इंडियन्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के मेंटर रह चुके हैं कुंबले।
– आईसीसी की क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन हैं। रूल्स का बढ़िया नॉलेज है।
कुंबले क्यों चुने गए?
– बीसीसीआई के सेक्रेटरी अजय शिर्के ने बताया- ”इस बार हमें कई इनपुट मिले। हजारों लोगों ने कई ऑफिशियल्स को एसएमएस भेजे, फोन कॉल किए। आज 6 से 8 घंटे इसी पर चर्चा हुई। लीजेंडरी क्रिकेटर के बाद कुंबले अब बतौर कोच खुद को तब्दील कर रहे हैं।”
– वहीं, अनुराग ठाकुर ने कहा- ”कई नाम शॉर्टलिस्ट हुए थे। लेकिन हमने सिर्फ बोर्ड ऑफिशियल्स नहीं, बल्कि सभी राज्यों के क्रिकेट एसोसिएशंस से फीडबैक लिया। कई लोगों से राय ली गई। इसी के बाद कुंबले के नाम पर रजामंदी बनी।”
पहली बार किसी बॉलर को कमान
1992 में पहली बार अजीत वाडेकर को टीम इंडिया का कोच बनाया गया था। तब से अब तक किसी बॉलर को ये जिम्मेदारी नहीं दी गई। कुंबले पहले हैं।
– 1999-2000 में कपिल देव टीम इंडिया के आखिरी भारतीय कोच थे। 16 साल बाद कुंबले को ये मौका मिला है।
– अब तक जिन खिलाड़ियों ने टीम इंडिया को कोचिंग दी है कुंबले (403 इंटरनेशन मैच) का एक्सपीरियंस सबसे ज्यादा है।
चैलेंज क्या?
इस सीजन में टीम इंडिया 17 टेस्ट मैच खेलेगी। 139 साल के क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब कोई टीम एक सीजन में इतने टेस्ट खेलेगी। टीम इस समय टेस्ट रैंकिंग में 2nd नंबर है। उसे नंबर वन बनाना कुंबले के लिए सबसे बड़ा चैलेंज होगा।
– पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया के बैट्समैन स्पिन के खिलाफ अच्छा परफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं। कुंबले को इसे सुधारने के लिए काम करना होगा।
– कुंबले के समय टीम के पास उनके और हरभजन के रूप में दो वर्ल्ड क्लास स्पिनर्स की जोड़ी थी। जो अपने दम पर टीम को मैच जिताती थी। अश्विन का जोड़ीदार खोजना भी उनके लिए बड़ा चैलेंज।
क्या कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का मुद्दा नहीं होगा?
– अजय शिर्के ने कहा- यह शब्द फैशन बन गया है। लेकिन जब से कुंबले यह जिम्मेदारी संभालेंगे, उससे पहले इस मुद्दे को एड्रेस कर लिया जाएगा।
– बता दें कि कुंबले अभी आईसीसी की क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन हैं।
इस बार क्या अलग हुआ?
– ठाकुर ने कहा- पहले पूरा बोर्ड के सभी लोग प्रेसिडेंट को अप्वाइंटमेंट्स का हक देते थे। लेकिन डालमिया के वक्त से बदलाव आया। हमने एक कमेटी बनाई जो अहम मुद्दों पर राय देने लगी। इस बार यह प्रॉसेस पूरी तरह ट्रांसपरेंट रही।
– शिर्के ने बताया कि अाखिरी दौड़ में 4 नाम थे, जिन्हें हेड कोच बनाने के बारे में सोचा जा रहा था।
– ठाकुर ने कहा कि चूंकि कुंबले अब चुन लिए गए हैं, लिहाजा बाकी तीन नामों का हम खुलासा नहीं कर सकते।
कोच बनने के बाद क्या बोले कुंबले?
– कोच बनने के बाद कुंबले ने कहा,” यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। ग्रेट ऑनर है। मुझे पता है, पिछले कोचों को देखा हूं। उनके ऊपर कितना प्रेशर होता है।”
– ”हमारा लंबा प्लान है। टीम के साथ अपनी सोच शेयर करूंगा। वे लोग भी अपनी आइडिया शेयर करेंगे।”
– ”तीन (सचिन-सौरव-वीवीएस लक्ष्मण) जो एडवाइजरी कमेटी के मेंबर हैं उनके साथ बहुत क्रिकेट खेली है।”
– ”राहुल भी टीम इंडिया ए के कोच हैं। अच्छा है हम पांचों अभी भी इंडियन क्रिकेट के लिए कुछ कर पा रहे।”
– ”अब कुछ देने का वक्त आ गया है। फैमिली सपोर्टिव है।”
– हितों के टकराव पर उन्होंने कहा- ”जो भी जरूरी होगा करूंगा। इसका बारे में बात हो गई है।”
अनिल कुंबले का क्रिकेट करियर
फॉर्मेट मैच रन विकेट बेस्ट बॉलिंग 100 50 इकोनॉमी 4w 5w 10w
टेस्ट 132 2506 619 10/74 1 5 29.65 31 35 8
वनडे 271 938 337 6/12 0 0 30.89 8 2 0
फर्स्ट क्लास 244 5572 1136 10/74 7 17 25.83 72 19
लिस्ट-ए 380 1456 514 6/12 0 0 27.58 14 3 0
टी-20 (IPL) 54 46 57 5/5 0 0 24.36 2 1 0
ईमानदार इतने कि एंटी डोपिंग एजेंसी की कमेटी में लाए गए
– साफ-सुथरे खेल के समर्थक। इसीलिए 2009 में वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी की स्टेंडिंग कमेटी में शामिल किया गया।
– कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रहते फंड के गलत इस्तेमाल का अारोप लगा मीटिंग छोड़ दी।
टीम के लिए पूरा कमिटमेंट
2002 में इंडीज के खिलाफ टेस्ट में जबड़ा चोटिल होने पर भी पट्‌टी बांध कर खेलते रहे। लारा का अहम विकेट भी चटकाया।
‘मंकीगेट’ के दौरान साबित की विवादों से निपटने की काबिलियत
– 18 साल का बेदाग कॅरिअर।
– 2008 का ऑस्ट्रेलिया दौरा साइमंड्स और हरभजन के बीच मंकीगेट खराब अंपायरिंंग के कारण चर्चा में रहा था।
– बतौर कप्तान कुंबले के प्रयासों से ही हरभजन को क्रिकेट से निष्कासित नहीं होना पड़ा।
EXPERT VIEW: अयाज मेमन : कुंबले सिर्फ एक साल के लिए ही क्यों
– ”मैं हैरान भी हूं आैर दो कारणों के लिए निराश भी हूं। अाखिर अनिल कुंबले को सिर्फ एक साल के लिए क्यों मुख्य कोच बनाया गया। साल भर में टीम इंडिया को सिर्फ वेस्टइंडीज का दौरा करना है।”
– ”पहले कहा गया था कि कोच उसे ही बनाया जाएगा जो विदेशी धरती पर जीतने का जज्बा पैदा कर सके। बताया जा रहा है कि अनिल कुंबले के प्रेजेंटेशन में काफी गहराई है तो फिर उन्हें तीन-चार सालों तक तो मौका देते।”
– ”कुंबले कोच बने यह स्वागतयोग्य है लेकिन रवि शास्त्री को नजरअंदाज करना चौंकाने वाला भी है। शास्त्री के 18 माह के कामकाज में टीम इंडिया ने तीन सीरीज जीती आैर दो फॉर्मेट के वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक पहुंचे।”
– ”उनका भी खिलाड़ियों से तालमेल बढ़िया है। ऐसे में क्या धोनी को दो फॉर्मेट की कप्तानी से हटाने का सुझाव उनके खिलाफ गया। क्या अब ऐसा नहीं लग रहा है कि जब कोई कोच नहीं था तब रवि शास्त्री का इस्तेमाल किया गया?”
अच्छा है ‘हम पांच’ अब भी क्रिकेट को कुछ दे रहे हैं
”यह ग्रेट ऑनर है। एडवाइजरी कमेटी के मेंबर सचिन, सौरव, लक्ष्मण के साथ बहुत खेला है। राहुल टीम के कोच हैं। अच्छा है हम पांचों अब भी क्रिकेट के लिए कुछ कर रहे हैं। हमारे लिए अब कुछ देने का वक्त आया है।”-अनिल कुंबले, कोच बनने के बाद