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स्वामी के बयानों पर BJP सख्त, दो प्रोग्राम कैंसल किए: मोदी से मिलेंगे जेटली

नई दिल्ली.सुब्रमण्यम स्वामी पर लगाम कसने के लिए बीजेपी ने नया रास्ता अपनाया है। पार्टी ने उन दो प्रोग्राम को रद्द कर दिया है, जहां स्वामी की स्पीच होनी थी। नरेंद्र मोदी भी रघुराम राजन के बारे में स्वामी की बयानबाजी पर कड़ा मैसेज दे चुके हैं। इस बीच, खबर है कि स्वामी की बयानबाजी से नाराज अरुण जेटली मोदी से मुलाकात करने जा सकते हैं। जेटली ने दी थी नसीहत…
– जेटली मंगलवार सुबह ही चीन से लौटे हैं और मोदी से मिलने जाने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक, जेटली पीएम से स्वामी की शिकायत करेंगे। हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच 7th पे कमीशन को लेकर चर्चा होगी।
– दरअसल, राजन समेत देश के कई बड़े ब्यूरोक्रेट्स पर जब स्वामी ट्विटर के जरिए हमला कर रहे थे, तब जेटली ने उन्हें इशारों में डिसिप्लिन में रहने को कहा था।
– स्वामी इस पर भड़क गए थे और उन्होंने जेटली को भी निशाने पर लेते हुए कहा था कि अगर उन्होंने डिसिप्लिन तोड़ा तो खून-खराबा हो जाएगा।
बीजेपी अब स्वामी पर सख्त
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी स्वामी से सीधे तौर पर यह नहीं कह पा रही है कि वे सरकार और मंत्रियों पर बयानबाजी बंद करें। इस वजह से उनके दो प्रोग्राम ही कैंसल कर दिए गए हैं।
– पहला प्रोग्राम बीते रविवार को मुंबई और दूसरा इसी हफ्ते चेन्नई में होना था। दोनों प्रोग्राम आरएसएस कराने वाली थी।
– मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी सीधे तौर पर स्वामी को इन प्रोग्राम में जाने से नहीं रोक सकती थी। इस वजह से यह कदम उठाया गया।
– कुछ पार्टी नेताओं का मानना है कि स्वामी को रोकने के लिए ये तरीका कारगर साबित हो सकता है। प्रोग्राम रद्द होने से उन्हें सीख मिलेगी।
– बता दें कि स्वामी के ट्विटर वॉर से बीजेपी और सरकार में खलबली मच गई थी। बैकफुट पर आई पार्टी हमलों को उनकी निजी सोच बताने लगी थी।
जेटली चाहते थे बीजेपी स्वामी पर एक्शन ले?
– पिछले दिनों स्वामी ने जेटली समेत फाइनेंस मिनिस्ट्री के टॉप ऑफिशियल्स को निशाना बनाते हुए ट्वीट किए।
– इसके बाद सोमवार को खबर आई थी कि जेटली समेत बीजेपी के कुछ नेता चाहते थे कि पार्टी उनके खिलाफ एक्शन ले।
– बीजेपी में जेटली गुट को लग रहा था कि पार्टी उन्हें कमजोर आंक रही है। स्वामी जो कर रहे हैं, उसके लिए उन्हें मोदी-शाह का सपोर्ट है।
– लेकिन मोदी ने साफ कर दिया है कि पब्लिसिटी के लिए कुछ भी कहने से किसी का भला नहीं होने वाला।
– मोदी ने सोमवार को कहा था, ”अगर कोई ये समझता है कि वो सिस्टम से ऊपर है, तो ये गलत है। पब्लिसिटी पाने के लिए कुछ भी करने से किसी का भला नहीं होगा।”
इन पर निशाना साध चुके हैं स्वामी?
1 # अरुण जेटली
– स्वामी ने आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमणियन और इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास पर कमेंट्स किए थे।
– स्वामी के लगातार हमलों पर जेटली ने कहा था- “कुछ पदों का डिसिप्लिन और उसकी मजबूरियां हमें जवाबी हमला करने से रोकती हैं।”
– इसके बाद, स्वामी ने बीते शुक्रवार को ट्वीट में कहा कि डिसिप्लिन की नसीहत देने वाले ये नहीं जानते कि मैंने डिसिप्लिन तोड़ा तो खून-खराबा हो जाएगा।
– अरविंद सुब्रमणियन पर सरकार के जवाब पर स्वामी ने कहा- ”जेटली क्या बोले, क्या नहीं बोले, इससे मुझे क्या लेना-देना। मैं पार्टी प्रेसिडेंट और पीएम से बात कर सकता हूं।”
– एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा- ”बीजेपी को अपने मंत्रियों को यह फरमान जारी करना चाहिए कि वे विदेश दौरों पर ट्रेडिशनल और मॉडर्न कपड़े पहनें। कोट और टाई में वे वेटरों जैसे नजर आते हैं।”
– बता दें कि कुछ दिन पहले जेटली ने बैंक ऑफ चाइना के प्रेसिडेंट तियान गुओली से मीटिंग के दौरान सूट पहना था।
2 # रघुराम राजन
– स्वामी ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन पर निशाना साधा था और उनके इस्तीफे की मांग की थी।
– कुछ दिन बाद राजन ने एलान किया था कि वे दूसरा टर्म नहीं चाहते।
– राजन का टर्म इस साल सितंबर में खत्म हो रहा है।
– स्वामी ने पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा था कि राजन मानसिक तौर पर पूरी तरह भारतीय नहीं हैं। उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाए।
3 # अरविंद सुब्रमणियन
– राजन के बाद स्वामी ने चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमणियन पर बयान दिए।
– एक ट्वीट में ‘AS’ यानी अरविंद सुब्रमणियन लिखते हुए उन्होंने कहा- “क्या दूसरे देश के लिए काम करने वाला भारतीय यह सलाह दे सकता है कि भारत की बांह कैसे मरोड़ी जा सकती है? अगर यह माफ किया जा सकता है तो मैं अपनी मांग छोड़ दूंगा।”
– राजन यह कहना चाहते थे कि सुब्रमणियन जब यूएस में थे तो उनका रुख भारत विरोधी था।
4# शक्तिकांत दास
– स्वामी ने इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास पर भी कमेंट्स किए।
– अपने ट्वीट में कहा- ”दास के खिलाफ प्रॉपर्टी डील को लेकर एक केस पेंडिंग है। इस मामले में पी. चिदंबरम की हेल्प की गई थी। मामला प्राइम लोकेशन महाबलिपुरम से जुड़ा है। दास ने देश की बहुत सेवा की है, इसलिए उन्हें तमिलनाडु वापस भेज देना चाहिए।”