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सिंहस्थ पर मौसम का खतरा बरकरार, हर दिन 4 घंटे पंडाल खाली रखने की सलाह

इंदौर. वेदर डिपार्टमेंट ने उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान भारी बारिश और तूफानी हवाओं की फिर वॉर्निंग दी है। यह कहा गया है कि 12 मई तक दोपहर से शाम के बीच 4 घंटे तक पंडालों को खाली रखा जाए। दिलचस्प बात यह है कि सिंहस्थ में आए एक संत ने भी इसी तारीख के आसपास आपदा का अंदेशा जताया है। बता दें कि गुरुवार शाम उज्जैन में तेज बारिश और आंधी में एक साधु और तीन महिलाओं समेत 7 लोगों की मौत हो गई। 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए। सोमवार को होना है शाही स्नान…
– मौसम विभाग भोपाल के डायरेक्टर अनुपम कश्यपी के मुताबिक, पूरे मई महीने में उज्जैन में आंधी-तूफान और बारिश की आशंका बनी हुई है।
– हालांकि इसकी तीव्रता 5 मई को आए तूफान से कम रहने का अनुमान है। लेकिन जिस सिस्टम के कारण 5 मई को बारिश और आंधी-तूफान आया था, वो सिस्टम अभी भी सक्रिय है।
– कश्यपी ने बताया कि हमने प्रशासन को सुझाव दिया है कि ताजा सिस्टम की एक्टिविटी को देखते हुए मेला क्षेत्र में लोग 12 मई के आसपास दोपहर 3 बजे बाद पंडालों को छोड़कर सेफ और मजबूत कंस्ट्रक्शन वाली जगह पर चले जाएं। शाम 7 बजे तक वे पंडालों में रहना टालें।
– बता दें कि 5 मई को मेला क्षेत्र में मौतें और नुकसान कच्चे पंडालों के गिरने की वजह से हुआ था।
– यहां 9, 11 और 15 मई को शाही स्नान होना है।
ऐसे एक्टिव है उज्जैन में बना सिस्टम
– कश्यपी के मुताबिक, यह सिस्टम कुछ इस तरह का है कि दोपहर में 3 बजे के बाद एक्टिव होता है।
– उन्होंने कहा कि हम प्रशासन को लगातार आने वाले खतरे को लेकर आगाह कर रहे हैं। वेदर डिपार्टमेंट हर दो घंटे में एडमिनिस्ट्रेशन को इनपुट दे रहा है।
किसने की है भविष्यवाणी
– मोहनखेड़ा तीर्थ के राष्ट्रीय ज्योतिषाचार्य ऋषभचंद्र विजय ने उज्जैन सिंहस्थ को लेकर भविष्यवाणी की थी ।
– उन्होंने कहा था कि 2 मई को शुक्र ग्रह अस्त हो गया है। यह ग्रह उज्जैन की राशि का मालिक है। जिसका असर होगा और आपदा आएगी।
– ज्योतिषाचार्य ने अपनी भविष्वाणी में यह भी जिक्र किया है कि अभी सिंहस्थ को आधा समय बाकी है। 5 मई से प्रदेश की कुंडली में दशाओं का विषयोग चल रहा है। जो 8 मई तक रहेगा। इस दौरान प्रदेश का सामना प्राकृतिक आपदाओं से हो सकता है।
– ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 12 मई से सूर्य-शनि की प्रति युति देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी तबाही ला सकती है। इस दौरान आपदाओं से सामना हो सकता है।
प्रशासन ने पहले नजरअंदाज कर दी थी वॉर्निंग
– बीते गुरुवार तेज बारिश और आंधी के डेढ़ घंटा पहले तक मौसम विभाग कहता रहा कि तूफान सिर पर है, संभाल लीजिए। पहली वॉर्निंग तो 48 घंटे पहले ही दी गई थी, लेकिन अफसर नहीं जागे।
– उज्जैन कलेक्टर से लेकर होम सेक्रेटरी तक को किया था वेदर डिपार्टमेंट ने आगाह किया था।
– 45 मिनट में हुई करीब एक इंच बारिश, 40 किमी/घंटे की रफ्तार से हवा चली थी।
ऐसे आई थी आपदा
– उज्जैन में दोपहर तक मौसम का मिजाज ठीक था, लेकिन शाम 4 बजते ही बादल छाने लगे और थोड़ी देर बाद भारी बारिश शुरू हो गई।
– एक घंटे में तेज हवाओं के बीच एक इंच बारिश और ओले गिरने से दत्त अखाड़ा, महाकाल, उजड़खेड़ा और मंगलनाथ एरिया में कई शिविर गिर गए।
– शिविरों में एक से डेढ़ फीट तक पानी भर गया। मेला एरिया का बड़ा हिस्सा गांव की कच्ची जमीन पर बसाया गया है। इस वजह से तेज बारिश के चलते मेला एरिया में ज्यादा नुकसान पहुंचा। 7 लोगों की मौत भी हो गई।