मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहें कार्यकर्ता: तेजस्वी यादव

पटना :तेजस्वी यादव ने सोमवार को राजद की समीक्षा बैठक में कहा कि बिहार में मध्यावधि चुनाव होने की संभावना है, जिसके लिए पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता तैयार रहें। तेजस्वी ने कहा कि मकर संक्रांति के बाद धन्यवाद यात्रा पर निकलेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी पार्टी बनने के बाद भी सत्ता से दूर रहा राजद ने अपने हार के कारणों को जानने के लिए यह समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार, सभी जिला अध्यक्ष, सभी जिले के प्रधान महासचिव पहुंचे। इसके अलावा पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने इस बैठक में भाग लिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वास्थ्य सह पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भी विपक्षी दलों ने अबतक कुछ सीख ग्रहण नहीं की है। यही कारण है कि अबतक न तो उन्हें बिहार की तरक्की दिख रही और न ही यहां के लोगों की खुशहाली वे महसूस कर पा रहे हैं। मंत्री ने कांग्रेस और राजद के आचरण और व्यवहार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि असल में विपक्ष के नेता ने भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस पार्टी के नेताओं से शिक्षा-दीक्षा ली है। एक को सरकार की कल्याणकारी योजनाएं नहीं दिखती तो दूसरे को चहुंओर हो रही पीएम और सीएम के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यों की हो रही प्रशंसा सुनाई नहीं पड़ती। कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में केंद्र और बिहार सरकार ने जो तत्परता और जज्बा दिखाया है, उसकी प्रशंसा देश-दुनिया में हो रही है।
वहीं प्रदेश कांग्रेस के घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष व मीडिया समन्वयक आनन्द माधव ने राजद नेता शिवानंद तिवारी सहित अन्य लोगों पर महागठबंधन धर्म के खिलाफ जाकर बयानबाज़ी करने का आरोप लगाया और इसका कड़ा विरोध किया। सोमवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि ऐसे नेता जिस डाली पर बैठे हैं, उसे ही काट रहे हैं। तेजस्वी यादव को इन सभी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिये।
आनंद माधव ने यह भी कहा इन नेताओं को याद रखना चाहिए कि अगर लोजपा जदयू के खिलाफ उममीदवार नहीं खड़ा करती तो राजद भी पच्चीस-तीस सीटों पर सिमट कर रह गया होता। तीस से अधिक सीटों पर राजद और जदयू के हार जीत का अंतर बहुत कम है और वहां लोजपा को सात से नौ प्रतिशत तक वोट मिला है। दूसरी ओर कांग्रेस को पच्चीस से तीस सीटें ऐसी मिली, जहां पिछले कई बार से ना तो राजद प्रत्याशी जीता है और ना कांग्रेस। कांग्रेस ने अपनी सीटिंग सीटें भी त्याग कर गठबंधन धर्म का पालन किया है।