धर्म - अध्यात्म

खजुराहो मंदिर की मूर्तियों का ये है रहस्य, इन 4 मान्यताओं में छिपा है राज

भोपाल.खजुराहो में 1 और 2 सितंबर को ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन हो रहा है जिसमें ब्राजील, चीन, रूस, साउथ अफ्रीका जैसे देश शामिल हो रहे हैं। इस अवसर पर आपको बता रहा है खजुराहो की कामुक प्रतिमाओं के बारे में जिसके लिए ये सारी दुनिया में फेमस है।ये प्रतिमाएं क्यों बनाई गई और इसके बारे में क्या मान्यता हैं…
-भारत का दिल कहे जाने वाला मध्यप्रदेश अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां का खजुराहो मंदिर विश्व प्रसिद्ध है।
-इसकी विश्व प्रसिद्धि का कारण मंदिर के बाहर बनी नग्न एवं संभोग की मुद्रा में विभिन्न मूर्तियां हैं।
-मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो मंदिरों के बाहर बनी इन आकृतियों को काम साहित्य का नाम दिया गया है।
पवित्र मन से देखा जा सकता है
-खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 950 ई.से 1050 ई.के बीच हुआ है।
-इन मंदिरों में मूर्तियों का निर्माण इतनी बेहतरी से किया गया है कि इसे देखने के बाद किसी के मन में बुरा ख्याल नहीं आता,क्योंकि सभी मूर्तियों की खूबसूरती में खो जाते हैं।
-ये मूर्तियां प्राचीन सभ्यता की विशेषता बताने के लिए काफी हैं।
-हालांकि कई बार मन में यह प्रश्न उठता है कि आखिर मंदिर के बाहर इस तरह की मूर्तियां बनाने के पीछे राज क्या हो सकता है।
-इस बारे में एक राय नहीं मिलता। अलग-अलग विश्लेषकों ने अलग-अलग राय दी है। मुख्य रूप से चार कारण सामने आते हैं, जो इस प्रकार हैं।
पहली मान्यता
-कुछ विश्लेषकों का यह मानना है कि प्राचीन काल में राजा-महाराजा भोग-विलासिता में अधिक लिप्त रहते थे।
-वे काफी उत्तेजित रहते थे। इसी कारण खजुराहो मंदिर के बाहर नग्न एवं संभोग की मुद्रा में विभिन्न मूर्तियां बनाई गई हैं।
दूसरी मान्यता
-दूसरे समुदाय के विश्लेषकों का यह मानना है कि इसे प्राचीन काल में सेक्स की शिक्षा की दृष्टि से बनाया गया है।
-ऐसा माना जाता है कि उन अद्भुत आकृतियों को देखने के बाद लोगों को संभोग की सही शिक्षा मिलेगी।
-प्राचीन काल में मंदिर ही एक ऐसा स्थान था, जहां लगभग सभी लोग जाते थे। इसीलिए संभोग की सही शिक्षा देने के लिए मंदिरों को चुना गया।
तीसरी मान्यता
-कुछ विश्लेषकों का यह मानना है कि मोक्ष के लिए हर इंसान को चार रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है- धर्म,अर्थ,योग और काम।
-ऐसा माना जाता है कि इसी दृष्टि से मंदिर के बाहर नग्न मूर्तियां लगाई गई हैं।
-क्योंकि यही काम है और इसके बाद सिर्फ और सिर्फ भगवान का शरण ही मिलता है।
-इसी कारण इसे देखने के बाद भगवान के शरण में जाने की कल्पना की गई।

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