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क्यों थे कोड पकड़ने में माहिर? मरने से पहले NIA अफसर ने बचाई बच्चों की जान

नई दिल्ली/बिजनौर. एनआईए अफसर तंजील अहमद ने मरने से पहले अपने बच्चों की जान बचाई थी। जैसे ही बाइक से आए हमलावर कार के पास पहुंचे डीएसपी ने बच्चों (शहबाज और जिमनीश) को सीट के नीचे छिप जाने को कहा। शनिवार को फैमिली के साथ भांजी की शादी से लौट रहे तंजील को यूपी के बिजनौर में 24 गोलियां मारी गईं। वे पठानकोट के अलावा देश में
आईएस का नेटवर्क बर्स्ट करने वाली टीम में थे। वे आतंकियों का कोड-वर्ड पकड़ने में माहिर थे। इस बीच रविवार शाम दिल्ली में उनको सुपुर्द-ए-खाक किया गया। ऐसे बने हमले का शिकार, क्यों अटैक कर पाए हमलावर…
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) में डीएसपी तंजील शनिवार रात 12.45 बजे पत्नी फरजाना और दो बच्चों के साथ घर लौट रहे थे।
– पूरी फैमिली के साथ वे यहां एक शादी के फंक्शन में आए थे। शादी उनकी भांजी की थी।
– स्योहारा थाना इलाके में एक पुलिया पर बाइक से आए हमलावरों ने उनकी कार पर फायरिंग की। इस दौरान तंजील को 24 गोली मारी गई। बताया जा रहा है कि पुलिया अंडरकंस्ट्रक्शन थी, जिसके कारण वहां कार धीमी थी।
– आईजी का कहना है कि साजिश के तहत घात लगाकर हमला किया गया। जांच जारी है।
– हॉस्पिटल ले जाते वक्त तंजील की मौत हो गई। पत्नी का नोएडा के एक हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। उन्हें भी तीन गोली लगी है। बच्चों को चोट नहीं आई है।
– पुलिस मामले की जांच में जुटी है। हमले के कारण का पता नहीं चला है। मौके पर डीआईजी मुरादाबाद पहुंचे हैं।
– एनआईए और एटीएस के बड़े अफसर मौके पर हैं। यूपी सरकार से तुरंत रिपोर्ट मांगी गई है।
#1.आईजी ने कहा- प्लान्ड अटैक

– एनआईए के आईजी संजीव कुमार सिंह ने कहा, ”पिछली रात 12.45 बजे हमारे बहादुर अफसर तंजील पर उस वक्त हमला हुआ, जब वे शादी के एक फंक्शन से आ रहे थे।”
– ”साजिश के तहत हमला किया गया। इस दौरान उनकी पत्नी भी जख्मी हुई हैं।”
– ”वह असिस्टेंट कमांडेंट थे। साढ़े 6 साल से एजेंसी में थे।”
– ”जांच जारी है। यूपी एसटीएस और एनआईए की लखनऊ टीम स्पॉट पर है।”
– वहीं, पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉ. एनके शर्मा का कहना है, “एनआईए अफसर को कुल 24 गोली लगी। 9 गोली शरीर के आर-पार हो गई। 12 गोली शरीर के अंदर से निकली गई। 3 गोली शरीर से रगड़ खा कर निकल गई।
– डॉ. शर्मा ने ये भी बताया, “दो तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया। एक 9 एमएम की पिस्टल और दूसरे हथि‍यार के बारे में कन्फर्म नहीं हो पाया है।”
#2. आतंकी हमले का शक क्यों?
– तंजील के दोस्त जहीन अख्तर ने मीडिया से कहा- “हमें शक है कि आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाया।”
– सूत्रों का कहना है कि हमलावरों ने 9mm पिस्टल का इस्तेमाल किया।
– ऑटोमैटिक वेपन के इस्तेमाल के चलते एनआईए और एटीएस की टीमें जांच में जुटीं।
#3. पठानकोट जांच से कैसे जुड़े थे?
– बताया जा रहा है कि तंजील एनआईए में डेप्युटेशन पर आए थे।
– वे कोर ऑपरेशन टीम का हिस्सा था। देश में सभी छोटी-बड़ी आतंकी घटनाओं की जांच में वे शामिल होते थे।
– पिछले दिनों पठानकोट हमले को लेकर पाकिस्तान से आई जेआईटी टीम के साथ इंडियन अफसरों के डेलिगेशन में भी वे शामिल थे।
– एनआईए दफ्तर में उन्होंने पाकिस्तानी अफसरों से बातचीत भी की थी।

#4. एनआईए के खास ऑपरेशन में शामिल थे तंजील

– पठानकोट हमले के अलावा तंजील ने देश में IS का मॉड्यूल पकड़ने में अहम रोल निभाया था।
– जाली नोट के कारोबार की कमर तोड़ने वाली टीम में भी रहे।
– प. बंगाल के बर्दवान में हुए धमाके की जांच में भी शामिल थे।